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HZL:समाधान परियोजना से जुडे़ किसानो ने किया गुजरात कृषक उत्पादक संगठनो का दौरा

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01 Mar 21
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 HZL:समाधान परियोजना से जुडे़ किसानो ने किया गुजरात कृषक उत्पादक संगठनो का दौरा

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा संचालित समाधान परियोजना के 4 जिलों के 35 किसानों ने नवसारी गुजरात के वांसदा में कृषक उत्पादक संगठन का अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए दौरा कर जानकारी ली

कृषक उत्पादक संगठन के बारे में अधिक जानकारी कर आय बढ़ाने के उद्धेश्य से आयोजित इस दो दिवसीय कृषक भ्रमण में चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद के किसानों ने नवसारी जिले के अमलसाड ब्लाॅक में पिछले 75 वर्षों से अमलसाड विभाग विविध कार्यकारी सहकारी खेडूत मंडली लिमिटेड किसान उत्पादक संगठन द्वारा दैनिक जीवन की आवश्यकता पूर्ति एवं अन्य कार्यो की जानकारी ली। इस संगठन में होने वाले प्रति वर्ष आय का 84 प्रतिशत हिस्सा आज भी शेयर होल्डर किसान को जाता है। इसी तरह पिछले 20 वर्षो से कार्यरत दिक्सल कोपरेटिव किसान उत्पादक संगठन द्वारा काजू प्रोसेसिंग के साथ ही अपने संगठन द्वारा किसानो को समय पर खाद, बीज और दवाई भी उचित दर पर उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।

भ्रमण के बाद चित्तौडगढ नगरी गांव, के कृषक राजेन्द्र कुमार कीर ने कहा कि 75 वर्षो से कार्यरत किसान उत्पादन संगठन के विशेष कार्यो आम की गुठली(बीज)से पौधा, छिलके से जैविक खाद, जुस, अचार,फर्श आम को बाजार मे बेचना व दैनिक जीवन मे काम आने वाली सामग्री, किराणा दुकान जैसे कार्य देखकर बहुत कुछ सीखने को मिला। अब हमारे क्षेत्र में भी इस प्रकार के कार्य प्रारंभ करने हेतु प्रेरित हुए है जिससे अधिक लाभ मिल सके।

रामपुरा आगूचां के पूसा राम जाट ने कहा कि गुजरात भ्रमण पर एफपीओ द्वारा और छोटे समूह के रूप किसानों द्वारा अलग अलग प्रकार की खेती व बागवानी कर उनका अच्छा जीवन यापन संभव करना बहुत अच्छा लगा इससे बहुत कुछ सीखने को मिला।

भ्रमण पर गये देबारी के जगदीश ने कहा कि एफपीओ एक्सपोजर विजिट के दौरान हमें कई बातों की जानकारी मिली, सबसे महत्वपूर्ण यह कि हम सामूहिक रूप से बेहतर कार्य कर कैसे आय बढ़ा सकते हैं । छोटा हो या बड़ा काम, हर काम सहकारिता के माध्यम से किया जा सकता है।

समाधान, संस्टेनेबल एग्रीकल्चर मेनेजमेन्ट एवं डव्हलपमेन्ट बाय हयूमन नेचर परियोजना, हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर विभाग एवं बायफ इंस्टीट्यूट फाॅर संस्टेनेबल लाईवलीहुडस एण्ड डेव्हलपमेन्ट के सयुक्त तत्वाधान में राजस्थान के 5 जिलों उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौडगढ, भीलवाडा एवं अजमेर के 174 गांवों में संचालित की जा रही हैं। जिसमें कृषि एवं पशुपालन की नवीनतम प्रौधोगिकी का उपयोग किसानों की आय बढाने एवं आजीविकावर्धन हेतु किया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्र के 30 हजार कृषक परिवारों को लाभान्वित हो रहे है। किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी एवं सतत विकास हेतु एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जा रहा है जिससे किसानों को तकनीक एवं बीज के साथ ही उत्पादन की कीमतों में भी फायदा मिलेगा।


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