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संकट के समय संयम और ठोस निर्णय लेकर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाया : के के गुप्ता 

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12 Jul 25
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संकट के समय संयम और ठोस निर्णय लेकर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाया : के के गुप्ता 

नीति गोपेन्द्र भट्ट 

नई दिल्ली। पिछले एक दशक में देश और विश्व के सामने आये आसन्न खतरों, विषम परिस्थितियों और समस्याओं का समुचित समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा एवं ठोस निर्णय लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने पूरी दुनिया में भारत की साँख को कई गुणा बढ़ा दिया है।

माउण्ट आबू  में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आबूरोड (सिरोही,राजस्थान) में '' संकट में संयम '' विषय पर  आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के प्रदेश समन्वयक और नगर परिषद डूंगरपुर के पूर्व अध्यक्ष  के के गुप्ता ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के हर निर्णय में कन्धा से कन्धा मिला कर चलने वाले देश के यशस्वी गृहमंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए सामूहिक निर्णयों से आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारत को बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। 

संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छतरपुर की जोनल कोऑर्डिनेटर बीके शैलजा बहन,भोपाल ने की

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक मुंबई के प्रोफेसर ई वी गिरीश भाई, योग कमेंट्री बी के अन्नपूर्णा बहन ल,इंदौर ने की और मंच का संचालन बी के बिंदु बहन,मिर्जापुर ने किया। संगोष्ठी में देश-विदेश से हजारों भाइयों बहनों ने भाग लिया। 

मुख्य अतिथि के के गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि संकट के समय सही निर्णय और सोच का बहुत महत्व है। आज के युग में हम देख रहें  है कि देश में सबसे बड़ा संकट स्वच्छता के अभाव में बीमारियों का प्रसार होना एवं कम उम्र में ही स्वर्ग सिधार जाना है। 

भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी द्वारा घर-घर शौचालयों का निर्माण कराने के पीछे उनकी एक बहुत बड़ी सोच और दूरदृष्टि रही जिसके कारण  कोविड-19 (कोरोना) के वैश्विक संकटकाल में देश के लाखों निर्धन लोगों को बीमारियों से राहत मिली । यदि यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सरकारी सहयोग से हर घर में शौचालयों का निर्माण नहीं करवाया होता तो लॉकडाउन में लोगों के खुले में शौच जाने से पूरा देश कोरोना की मार से बुरी तरह से घायल हो जाता। हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने उस संकटकालीन घड़ी में देश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के सहयोग से सर्वश्रेष्ठ एवं उच्च तकनीक की वैक्सीन तैयार कराई, जिससे देश ही नहीं अभी तो विदेशों में भी सबसे पहले पीड़ित लोगों को वैक्सीन उपलब्ध हो सकी और   विश्व में भारत का नाम गौरवान्वित हुआ । यह संकट के समय संयम का एक जीता जागता उदाहरण है। 

इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी  के कुशल नेतृत्व में हिंदुस्तान ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का आभास भी कराया है। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के पहलगाम में कराये गए आतंकवादी हमले और निर्दोष लोगों की हत्याओं का जवाब हमने पाकिस्तान के अन्दर घुसे बिना आतंकवादियों के अड्डों को समाप्त कर और नामचीन आतंक के आकाओं को नेस्तनाबूद और जमींजोद कर ईंट का जवाब पत्थर से दिया है । भारतीय नेतृत्त्व और सेना के इस साहस को पूरी दुनिया ने देखा है।

रूस एवं यूक्रेन के मध्य 24 फरवरी 2024 को शुरू हुए युद्ध में हिंदुस्तान के करीब 40,000 बच्चों पर गहरा संकट आ गया था। उस मुश्किल घड़ी में  हमारे प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह द्वारा दोनों देशों के प्रधानमन्त्रियों से वार्ता कर समाधान का मार्ग निकाला गया । यह संकट के समय संयम का ही परिणाम था कि हिंदुस्तान के सभी बच्चों को भारत के तिरंगे को हाथ में लेकर सेनाओ के बीच में से निकाल कर उनकी सुरक्षित हिंदुस्तान घर वापसी में हमें सफलता मिली तथा दोनों देशों के मध्य युद्ध की विभीषिका को कमतर करने में भी सफलता मिली। आज हमारे देश के सुरक्षित होने की वजह देश की कमान शक्तिशाली एवं कर्मशील नेतृत्त्व के हाथों में होना है। 

गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ग्लोबल वार्मिंग एवं (लू ) को लेकर पृथ्वी एवं प्रकृति को सुरक्षित रखने हेतु एक संदेश दिया कि हर व्यक्ति एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाए। हम सब देख रहे हैं आज बदलते पर्यावरणीय हालातों से पृथ्वी पर भारी संकट आ रहा है । गर्मी बढ़ रही है, वर्षा अनिश्चित हो गई है, मौसम में परिवर्तन आ रहा है । इन सभी संकटों से बचने के लिए आज वृक्षारोपण निहायत ही आवश्यक है। अंतिम दाह संस्कार में हम एक पेड़ साथ ले जाते हैं। पेड़ के महत्व को समझते हुए हमें केवल मां के नाम ही नहीं अपितु अपने स्वयं के नाम भी एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए जिससे ये पृथ्वी जिंदा रह सके एवं हमारे जाने के बाद पृथ्वी का बोझ हमारे ऊपर ना रहे। 

उन्होंने कहा कि संकट के समय हमें संयम रखना चाहिए।साथ ही और अपनी बुद्धिमत्ता एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ संकट का समाधान भी खोजना चाहिए। विश्व में सबसे बड़ी जनसंख्या वाले हमारे देश की आबादी में सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जो बड़ी मुश्किल से अपना जीवनयापन कर रहे हैं । दो समय का भोजन भी उन्हें आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा है, ऐसी स्थिति में उनका बीमार होना और समुचित इलाज न होने से उनकी मौत होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें गंदगी से फैलने वाली जानलेवा बीमारियों उल्टी, दस्त, टाइफाइड, डेंगू, मलेरिया तथा मौसमी बीमारिया की बहुत बड़ी भूमिका है जिन्हें जड़मूल से मिटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छता मिशन कार्यक्रम को जन आन्दोलन बनाना जरूरी है । 

गुप्ता ने कहा कि आज हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है और ज्यादा जीना भी चाहता है परंतु इसके लिए उसका योगदान और प्रयास लगभग  शून्य है। आज स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल संचय एवं जल संरक्षण के लिए देश के हर व्यक्ति को सहयोग के आगे आना चाहिए । इन  छोटे -छोटे  प्रयासों से ही देश बचेगा और हम  भी बचेंगे । हमें यह प्रयास करना चाहिए कि जीवन में कम से कम संकट आवे  और कदाचित संकट आए भी तो उसमे संयम रखने के साथ-साथ हमारे अन्दर उनका समाधान खोजने की क्षमता भी विकसित होनी चाहिये।

गुप्ता ने कहा कि आज हमारा देश भारत मजबूत हाथों में है और देश निरंतर प्रगति एवं विकास की सोच पर आगे बढ़ रहा है ।हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की आजादी की 100 वीं जयंती शताब्दी वर्ष पर विकसित भारत का जो सपना देखा है, उसे पूरा करना प्रत्येक भारतीय का दायित्व है तभी हम विश्व गुरु होने के अपने गौरव को पुनः पुनर्स्थापित कर पायेंगे ।


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