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राजस्थान में बधिर बच्चों के माता-पिता के लिए जागरूकता सत्र आयोजित

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22 Feb 20
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राजस्थान में बधिर बच्चों के माता-पिता के लिए जागरूकता सत्र आयोजित

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जीवन तरंग जक के संग कार्यक्रम क तहत् राजस्थान के बधिर बच्चों के अभिभावकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें ११५ अभिभावकों ने भाग लिया। अभिभावकों से जागरूकता सत्र के दौरान कैरियर की संभावनाओं, लैंगिक समानता, बाल विवाह सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी। हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc)के जीवन तरंग कार्यक्रम के तहत् विगत ३ वर्शो से ८०० से अधिक दिव्यांग लोगो को समाज की मुख्यधारा से जोडने का कार्य किया जा रहा है। जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम  (Program with life wave zinc)हिंदुस्तान जिंक की एक पहल है जिसका उद्देश्य दिव्यांगों के लिए समाज में समान स्थान का निर्माण करना है। विद्यालयों और संस्थानों के साथ भागीदारी के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक अपने परिचालन क्षेत्रों के विषेशजन बच्चों तक पहुंचा है इनमें मूक, बधिर हानि और बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चे शामिल हैं। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों और समाज से जुडकर समान रूप से जीवन जी सके। इस ओर हिन्दुस्तान जिंक ने दृष्टिहीनों के लिए प्रौद्योगिकी आधारित और बधिर विषेशजनो (Technology based and deaf people with visual impairments)हेतु सीखने के लिए साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण की शुरुआत करके उनकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए पहल की है।  अजमेर, भीलवाडा और उदयपुर के बधिर विद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों को सांकेतिक भाषा सिखाने के लिए नोएडा डेफ सोसाइटी के साथ साझेदारी की है। दृष्टिबाधित लोगो के लिए हिन्दुस्तान जिंक डॉ. होमियार से जुडा हैं। उन्होंने राजस्थान कक्षा ५ से आठ तक  पाठ्यपुस्तकों को श्रव्य पुस्तकों में परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान की है। नेत्रहीन बच्चों को पढाने के लिए स्कूलों में प्रशिक्षकों की स्थापना की है और श्रव्य पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने और उनकी पहुंच और मनोरंजन के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए शिक्षकों को प्रषिक्षण दिया गया है।  जीवन तरंग जिंक के संग ‘कार्यक्रम के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक मुख्य रूप से राजस्थान राज्य में  मूक-बधिर बच्चों को औपचारिक भारतीय सांकेतिक भाषा आईएसएल, बुनियादी अंग्रेजी साक्षरता, बुनियादी कंप्यूटर शिक्षा और नैतिक मूल्य शिक्षा के माध्यम उनकी क्षमता में वृद्धि करने का कार्य कर रही है। इनसे सबंधित विद्यालयों के शिक्षकों को आईएसएल सिखाने कार्य कर रही है ताकि शिक्षक बच्चों के साथ सांकेतिक भाशा में संवाद करें और उन्हें पढाएं। हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc)अपने इस कार्यक्रम में  विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित कर समान अवसर प्रदान कर दिव्यांगों को सामाज की मुख्यधारा से जोडने का कार्य कर रही है। नोएडा डेफ सोसाइटी (NDS) के सहयोग से, राजस्थान के बधिर बाल विकास समिति-अजमेर, बधिर बाल कल्याण विकास समिति- भीलवाडा और विकास कल्याण समिति- उदयपुर में राजस्थान के बधिर बच्चों के माता-पिता के लिए जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। एनडीएस टीम से मनीष शुक्ला एवं सुश्री पूनम ने अभिभावकों के साथ जागरूकता सत्र का संचालन किया।

 


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