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संज्ञेय अपराधों में एफआईआर  दर्ज नहीं करने की शिकायतें सबसे ज्यादा- श्री एच. आर. कुड़ी

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17 Oct 25
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संज्ञेय अपराधों में एफआईआर  दर्ज नहीं करने की शिकायतें सबसे ज्यादा- श्री एच. आर. कुड़ी

 राजस्थान राज्य पुलिस जवाबदेही समिति के अध्यक्ष श्री एच.आर. कुड़ी ने कहा कि राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति के कार्य और क्षेत्राधिकार के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो इसके लिए समिति आमजन के बीच जाकर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करती है। पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकर उनको भी बताते हैं कि आमजन को पुलिस से किस तरह की शिकायते हैं। आमजन की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पुलिस को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। श्री कुड़ी ने उदयपुर सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान ये बात कही।
उन्होंने कहा कि पुलिस के दुराचरण की जो भी शिकायते आती हैं, उसमें सिविल कोर्ट की तरह जांच करते हुए अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को भेजते हैं। अभी जिला स्तर पर पुलिस जवाबदेही समितियों का गठन नहीं हुआ है, इसलिए कांस्टेबल से लेकर डीजी पुलिस तक से संबंधित शिकायतों को सुना जाता है। सबसे अधिक शिकायतें इस बात को लेकर आती है कि संज्ञेय अपराधों में एफआईआर तुरंत दर्ज करनी होती है, वो पुलिस नहीं करती है। यह समिति का भी मानना है कि इस बारे में सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं।
पुलिस दुराचार की शिकायत लेकर पहुंची महिला-
इससे पहले जनसुनवाई में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि पुलिसकर्मी आए दिन मुल्जिम की तलाश के नाम पर उसके घर में घुस जाते हैं। उसके बाल पकड़कर साथ मारपीट भी की गई। रात को भी तलाशी के नाम पर पुलिसकर्मी आ जाते हैं और धमकाते हैं। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी भी साथ नहीं होती है। महिला का कहना है कि दो लोगों की खमनोर थाना पुलिस तलाश कर रही है, उनसे पिछले डेढ़-दो माह से उसका संपर्क नहीं हुआ है। इस पर श्री कुड़ी ने एडिशनल एसपी उमेश ओझा को शिकायत की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी तरह साइबर ठगी से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी के बैंक खाते से रूपये निकाल लिए गए थे। इसकी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक वालों को पुलिस की ओर से लिखकर देना है कि उसकी राशि रिलीज कर दी जाए, लेकिन सुखेर थाने वाले लिखकर नहीं दे रहे हैं। वो कई बार पुलिस थाना जाकर आए, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक पुलिस थाने वाले बैंक को लिखकर नहीं दे रहे हैं।


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