भारतीय संस्कृति में गौ माता के प्रति श्रद्धा और विज्ञान का अद्भुत संगम प्रस्तुत करने वाली "गौ विज्ञान परीक्षा 2025" की पुस्तक का विमोचन उदयपुर के जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा किया गया। यह विमोचन गौ सेवा गतिविधि, चित्तौड़ प्रांत के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
परीक्षा आयोजन समिति सदस्य नरेश नागदा ने जानकारी दी कि गौ विज्ञान परीक्षा 2025 आगामी 18 नवम्बर 2025 को आयोजित की जाएगी। इसमें सभी विद्यार्थी सम्मिलित होंगे। परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों के माध्यम से समाज में गाय के बहुआयामी योगदान के प्रति वैज्ञानिक चेतना का प्रसार करना है।
कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक (शिक्षा) चंद्रशेखर जोशी, उदयपुर विभाग परीक्षा प्रभारी महिपाल सिंह राठौड़, महानगर प्रभारी अनिल आमेटा, चंद्रशेखर चौबीस, गौ सेवा संयोजक कैलाश हंसवाल, ब्लॉक प्रभारी पदम जैन, संजय शांडिल्य, रामावतार धोबी, देवेंद्र मेनारिया, महेंद्र नागदा, सुरेंद्र मीणा, देवीलाल शर्मा एवं मुकेश जोशी सहित कई कार्यकर्ता एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष 10 जून को गौ विज्ञान परीक्षा 2025 के पोस्टर का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक द्वारा किया गया था। गौ विज्ञान परीक्षा का यह अभियान लगातार व्यापक होता जा रहा है। पिछले वर्ष 2024 की परीक्षा में राजस्थान के 4,690 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 3,22,000 विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जबकि देशभर के 8,000 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर लगभग 7 लाख प्रतिभागियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया। यह सहभागिता समाज में गौ चेतना के प्रसार और वैज्ञानिक समझ के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाती है।
गाय के वैज्ञानिक महत्व से जुड़ेगा युवा वर्ग
परीक्षा में गाय के धार्मिक पक्ष के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण, कृषि, चिकित्सा, पर्यावरण और सामाजिक जीवन में उसकी उपयोगिता से संबंधित विषयों को शामिल किया गया है। सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क पुस्तक प्रदान की जाएगी और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। गाय भारतीय जीवनशैली का अभिन्न अंग रही है। हमारे कृषि तंत्र, पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य परंपरा में गौ का अमूल्य योगदान रहा है। आज की पीढ़ी को इसके वैज्ञानिक और व्यावहारिक महत्व से परिचित कराना समय की आवश्यकता है, इससे युवाओं में “संवेदनशीलता के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण” विकसित होगा।
वैज्ञानिक गौ चेतना के प्रसार का अभियान
गौ सेवा गतिविधि द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली यह परीक्षा केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि “गौ विज्ञान के माध्यम से समाज जागरण का अभियान” है। इसके माध्यम से गाय के आर्थिक, पर्यावरणीय और औषधीय महत्व को जनमानस तक पहुँचाया जा रहा है। इस अभियान में राजस्थान के लगभग 2,500 कार्यकर्ता सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।