उदयपुर: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के नेतृत्व में राजस्थान दिव्यांग कर्मचारी संघ ने एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन सिविल लाइन फाटक स्थित विशेष योग्यजन भवन जयपुर पर किया। जिसको महासंघ प्रमुख महेंद्र सिंह चौधरी, अध्यक्ष दयानन्द सोनी, विपिन प्रकाश शर्मा, योगेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया और निदेशक विशेषयोग्यजन आईएएस केशरलाल मीना को ज्ञापन भी सौंपा।
धरना प्रातः 10 बजे से 3 बजे तक चला और तत्पश्चात उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा से वार्ता सचिवालय ले जाकर करवाई गई और उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया। मांग पत्र के मुख्य मुद्दों में 4 प्रतिशत नोशनल आधार पर पद्दोन्नति में आरक्षण, कार्मिक विभाग द्वारा जारी आर्डर 28 अगस्त को प्रत्याहरित करने, आवास के निकटतम ट्रांसफर पोस्टिंग, वाहन भत्ता वृद्धि, अधिनियम 2016 की पालना, फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले डॉक्टरों पर कार्यवाही कर जेल में डालने, दिव्यांगों को भयभीत ना करने, पारदर्शिता रखने, बेंचमार्क डिसेबिलिटी को ही हर प्रकार की देय छूट में आधार मानने, री मेडिकल पुनः जांच में केवल प्रमाण पत्रों का सत्यापन करके पूर्व में मेडिकल बोर्ड द्वारा बने प्रमाणपत्रों को जो कि अधिनियम 1995 के हिसाब की गाइड लाइन अनुसार बने हुए हैं को तथा अब दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत जारी की गई गाइड लाइन में अंतर व डिसेबिलिटी निर्धारण का पूर्णतया ध्यान रखने आदि विभिन्न राज्यव्यापी समस्याओं पर ध्यानाकर्षण किया। और 300 से अधिक दिव्यांगजन विभिन्न जिलों से पधारे।
दिव्यांग कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री मनोज पूनिया ने बताया कि धरने के पश्चात एक संघर्ष समिति का गठन हुआ जिसमें लोकेश कुमार भरतपुर,मदन मोहन, मनोज खंडेलवाल, दिनेश शर्मा, नेमीचंद शर्मा, कमल किशोर, कैलाश चंद जाट जयपुर, नित्यानंद आदि शामिल किए गए। महासंघ प्रमुख महेंद्र सिंह चौधरी ने कंधे से कंधा मिलाकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया व दिव्यांगों की समस्यायँ हमारी समस्याएं हैं ऐसा वॉड किया। दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष दयानन्द स्वर्णकार ने उपस्थित जनों का आभार जताया और कहा कि यदि 15 दिन में सरकार मांगें नहीं मानती है तो उग्र आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदार राज्य सरकार होगी।