उदयपुर। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों डॉ. अभिनव वाष्र्णेय (सहायक प्राध्यापक),इंजीनियर भानु प्रताप सक्सेना और प्रकाश चंद्र विश्वकर्मा ने टेम्पसेंस इंस्ट्रूमेंट्स इंडिया लिमिटेड का दो दिवसीय दौरा किया।
यह दौरा टेम्पसेंस की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल का हिस्सा था, जो मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान व टेम्पसेंस थर्मल कैलिब्रेशन एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना के तहत किया गया।
प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव-अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, एमएएनआईटी टीम ने टेम्पसेंस, एनएबीएल मान्यता प्राप्त तापमान अंशांकन प्रयोगशाला में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में उन्नत तापीय अंशांकन तकनीकों और टेम्पसेंस द्वारा आगामी मनिट प्रयोगशाला को आपूर्ति किए जा रहे अत्याधुनिक उपकरणों के संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
व्यावहारिक सत्रों का संचालन अल्पेश पारख और अजयपाल सिंह राठौर ने किया, जिन्हें टेम्पसेंस की विशेषज्ञ तकनीकी टीम का सहयोग प्राप्त था। प्रशिक्षण का समन्वय उत्तम पेगु ने किया।
शैक्षणिक-उद्योग सहयोग को मजबूत करना-यह दौरा हाल ही में टेम्पसेंस इंस्ट्रूमेंट्स और मैनिट भोपाल के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बाद एक महत्वपूर्ण कदम है। इस साझेदारी का उद्देश्य मैनिट में एक थर्मल कैलिब्रेशन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करना है, जिससे उन्नत तापीय अध्ययन में लगे संकाय और शोधार्थी दोनों को लाभ होगा। इस पहल का एक व्यक्तिगत संबंध भी है। टेम्पसेंस इंस्ट्रूमेंट्स के अध्यक्ष वी.पी. राठी, मैनिट भोपाल (1971 बैच) के एक गौरवशाली पूर्व छात्र रहे हैं। उनका दृष्टिकोण भारत में अत्याधुनिक अनुसंधान अवसंरचना के निर्माण के लिए उद्योग और शैक्षणिक जगत के बीच सहयोग को प्रेरित करता रहता है।
मनिट-टेम्पसेंस थर्मल कैलिब्रेशन एवं अनुसंधान केंद्र अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सटीक तापमान अंशांकन,थर्मल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं मापन में अनुसंधान एवं नवाचार,थर्मल विज्ञान के क्षेत्र में इंजीनियरिंग के छात्रों और पेशेवरों के लिए कौशल विकास के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। मनिट टीम का टेम्पसेंस का दौरा थर्मल कैलिब्रेशन एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के साझा दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम का प्रतीक है। यह सहयोग न केवल शैक्षणिक-उद्योग साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि उन्नत इंजीनियरिंग और माप विज्ञान में आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी पुष्ट करता है।