उदयपुर, शहर के ख्यातनाम शिल्पकार चन्द्रप्रकाश चित्तौड़ा ने नवरात्री के शुभ अवसर पर माँ दुर्गा के मुख स्वरूप की सुंदर व अनुपम कृति को चावल के दानों पर उकेरा है। इस कृति में मां की आँखे, नाक, नथ, बिन्दी आदि को चावल के दानों में सहेजकर आकर्षक कृति बनाई है और साथ विजयदशमी के पावन अवसर पर चित्र के आकृति सूक्ष्म पुस्तिका में सत्य की विजय को उतारकर पुस्तिका तैयार की और साथ में लिखने की चौक पर मां दुर्गा के मुख्य कृति बनाई सुंदर रंगों से रंग कर वह गरबा के खेलने के डाडीये भी तैयार किये गये है भी तैयार किए गए दो में सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना की है। चित्तौडा ने बताया कि चावल को शुभ मानते हुए पूजा-अर्चना में उपयोग में लिया जाता है। चित्तौड़ा द्वारा बनाई यह कृति उनके चित्तौड़ा हस्तशिल्प कला केन्द्र 328 विश्वविद्यालय मार्ग पर आमजन के अवलोकनार्थ रखी गई है।