उदयपुर। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित हुई जीएसटी काउन्सिल की बैठक में मार्बल एवं ग्रनाईट पर जीएसटी दर कम नहीं होने से व्यापारियों में निराशा है।
उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गंगावत ने बताया कि देश में जीएसटी लगने के पश्यात पिछले काफी वर्षाे से भारतीय मार्बल एंड ग्रेनाइट स्लैब पर जीएसटी दर कम करवाने हेतु उदयपुर मार्बल एसोसिएशन द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा था। वर्तमान में भारतीय मार्बल उद्योग की हालत बहुत खराब हैं क्योकि उपभोक्ता पर 18 प्रतिशत जीएसटी से अत्यधिक कर भार पड़ रहा हैं। एसोसिएशन ने वित्तमंत्री एवं प्रधानमंत्री से प्रत्यक्ष मिलकर एवं पत्राचार द्वारा भी कई बार निवेदन किया था एवं हम निरंतर उनके संपर्क में थे।
गंगावत ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषणा की थी की सरकार दीपावली से पूर्व जीएसटी दरों पर विचार कर सभी व्यपारियो को लाभ दिया जायेगा तथा वॉकल फॉर लॉकल एवं मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने हेतु प्रयास किया जायेगा। इससे हमें पूर्ण आशा थी की भारतीय मार्बल एंड ग्रेनाइट स्लैब पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत की जाएगी और मार्बल उद्योग पुनः जीवित होगा।
कल जीएसटी काउंसिल की 56 वीं बैठक आयोजित की गई थी जिसमंे जीएसटी दरों पर पुनर्विचार किया गया था परन्तु भारतीय मार्बल एंड ग्रेनाइट स्लैब पर जीएसटी दर में कुछ भी परिवर्तन नहीं किया गया। सरकार ने मार्बल ब्लॉक पर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी किया हैं जिसका एण्ड कन्ज्यूमर (अंतिम उपभोक्ता) को कोई लाभ नहीं मिलेगा । इसका मार्बल उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और स्थानीय मार्बल उद्योग को इससे कुछ भी फायदा नहीं हुआ।
यह भी बताया कि सरकार इम्पोर्टेड मटेरियल पर चाहे जो जीएसटी लगाये, परन्तु वॉकल फॉर लॉकल एवं स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस पर जीएसटी कम करने का पुनःविचार किया जाए। एसोसिएशन पूर्व में भी कई बार आग्रह कर चुका हैं की भारतीय मार्बल एंड ग्रेनाइट स्लैब्स को एक ही कमोडिटी में कोटा स्टोन एवं सैंड स्टोन की भाती 5 प्रतिशत जीएसटी दर में लिया जाए, परन्तु सरकार द्वारा छोटे व्यापारियों एवं अंतिम उपभोक्ता का ध्यान नहीं रखा जिससे व्यापारियों में आक्रोश हैं और वे सभी असंतुष्ट हैं।
एसोसिएशन ने आज पुनः वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं जीएसटी काउंसिल सदस्य सम्राट चौधरी, सुरेश कुमार खन्ना, गजेन्द्र खीवसर, श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य, के. बी. गोवडा तथा के. एन. बालागोपाल से पत्र लिखकर निवेदन किया हैं कि 22 सितम्बर से पूर्व इस पर पुनः विचार कर भारतीय मार्बल एंड ग्रेनाइट स्लैब्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी किया जाए।