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उद्योगों की चुनौतियों एवं संभावनाओं पर यूसीसीआई में प्रमुख शासन सचिव के साथ परिचर्चात्मक बैठक का आयोजनप्रेस विज्ञप्ति

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26 Jul 25
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उद्योगों की चुनौतियों एवं संभावनाओं पर यूसीसीआई में प्रमुख शासन सचिव के साथ परिचर्चात्मक बैठक का आयोजनप्रेस विज्ञप्ति

उदयपुर। उदयपुर चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्री के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में जिला उद्योग केन्द्र द्वारा उदयपुर सम्भाग के उद्योग संगठनों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के प्रमुख शासन सचिव (उद्योग) श्री आलोक गुप्ता मुख्य अतिथि थे एवं अतिरिक्त आयुक्त (उद्योग) श्री सी.एल. वर्मा विशिष्ट अतिथि थे। 

अपने उद्बोधन में श्री आलोक गुप्ता ने यूसीसीआई के अध्यक्ष श्री मनीष गलुण्डिया द्वारा उठाई गई समस्याओं एवं सुझावों के संदर्भ में कहा कि राज्य सरकार राज्य में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने तथा उद्यमियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कटिबद्ध है। श्री आलोक गुप्ता ने उद्योग संघों के प्रतिनिधियों एवं उद्योगों से जुड़े सरकारी विभागों के उच्चाधिकारियों के मध्य समन्वय स्थापित कर औद्योगिक समस्याओं का निराकरण किये जाने तथा यूसीसीआई द्वारा प्रस्तुत किये गये सुझावों को अमल में लाये जाने का आश्वासन दिया।

गुजरात के औद्योगिक विकास से राजस्थान की औद्योगिक स्थिति की तुलना के सन्दर्भ में श्री आलोक गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा राजस्थान में उद्योगों को बढावा देने के लिये सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने सरकारी विभागों एवं उद्योगों को एक दूसरे का पूरक बताते हुए उद्यमियों को समुचित सेवा प्रदान करने का आवह्ान किया। श्री आलोक गुप्ता ने राज्य में आर्थिक एवं औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करने के सरकार के एजेंडे के साथ कार्य करने का आव्हान किया। 

कार्यक्रम के आरम्भ में यूसीसीआई अध्यक्ष श्री मनीष गलुण्डिया ने अपने स्वागत भाषण में यूसीसीआई की गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने उदयपुर के औद्योगिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर उदयपुर अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है, वहीं दूसरी ओर यह एक विविध और विकसित होता औद्योगिक क्षेत्र भी बन चुका है। 

श्री मनीष गलुण्डिया ने उदयपुर सम्भाग के उद्योगोें की प्रमुख समस्याएं प्रस्तुत करते हुए एवं निम्नानुसार सुझाव दिये:

 

ऽ औद्योगिक नीति का सरलीकरण - सिंगल विंडो सिस्टम को अधिक प्रभावी, उत्तरदायी एवं ट्रैक योग्य बनाया जाए। अनेक विभागीय अनापत्तियों व स्वीकृतियों की प्रक्रियाओं को एकीकृत व सरल किया जाए।

ऽ भूमि एवं मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता - रीको के उद्योग क्षेत्रों में नई इकाइयों हेतु भूखंड या तो अनुपलब्ध हैं या अत्यधिक मूल्य पर हैं। 

कई वर्षों से निष्क्रिय पड़े प्लॉट्स को पुनः आबंटित किया जाए।

गोगुन्दा, झाड़ोल, बड़गांव आदि क्षेत्रों में नए सैटेलाइट औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएं।

सड़कों, जल निकासी, प्रकाश व्यवस्था और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार हो।

ऽ व्यापार करने में सुगमता - निरीक्षणों की संख्या न्यूनतम हो तथा स्वीकृति प्रक्रियाएं स्वतः स्वीकृति तंत्र की ओर बढ़ें।

एकीकृत ट्रैकिंग, रिमाइंडर और डैशबोर्ड सुविधाओं के साथ एकीकृत अनुपालन पोर्टल विकसित किया जाए।

ऽ कौशल विकास एवं रोजगार योग्यता - उद्योगों की आवश्यकता और श्रमशक्ति के कौशल में अंतर है।

आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक संस्थानों को उद्योगों से जोड़ा जाए।

उद्योग एवं सरकार समन्वय मॉडल के माध्यम से इंटर्नशिप व अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा दिया जाए।

ऽ ईएसजी एवं सतत औद्योगिक विकास

वैश्विक निवेशों में ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक और गवर्नेंस) मानकों का महत्व बढ़ा है।

एमएसएमई को ईएसजी के अनुरूप कार्य करने हेतु मार्गदर्शन एवं संसाधन की आवश्यकता है।

राज्य सरकार ईएसजी पर कार्यशालाएं व जागरूकता अभियान प्रारंभ करे तथा ईएसजी -अनुरूप एमएसएमई को प्रोत्साहन दे।

 

बैठक में उद्योग संघो के प्रतिनिधियों, उदयपुर मार्बल एसोसिएशन, उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति, कलडवास चेम्बर आॅफ काॅमर्स, गुडली चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, स्माॅल स्केल इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों एवं सदस्यों के अतिरिक्त उद्योगों से जुड़े विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। 

कार्यक्रम का संचालन जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक एवं महाप्रबन्धक श्री शैलेन्द्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में रीको के वरिष्ठ उप-महाप्रबन्धक श्री अजय पण्ड्या ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।


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