उदयपुर। उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा मार्बलचौम्बर कार्यालय पर बैठक आयोजित की गई। जिसमें पदाधिकारियों ने तुर्की द्वारा पाकिस्तान को सीधा समर्थन देने की निंदा की।
एसोसिएशन अध्यक्ष पंकज गंगावत ने बताया कि तुर्की से हमारे व्यापारिक रिश्ते अच्छे रहे हैं, जिस कारण काफी मार्बल व्यापारी तुर्की से मार्बल ग्रेनाइट का आयात करते हैं। तुर्की इसको नजरअंदाज करते हुए हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान को सहयोग कर रहा हैं। इससे हमारे मार्बल व्यापारियों में बहुत ही आक्रोश हैं, और सभी मार्बल व्यापारी यह चाहते हैं कि तुर्की से व्यापार का बंद किया जाए। हाल ही में, तुर्की ने पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए सीधे कदम उठाए हैं, जो न केवल भारत के हितों के विरुद्ध है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
गंगावत ने बताया कि तुर्की से हर साल अरबों रुपये कामार्बल ग्रेनाइट आयात किया जाता हैं जो कि वर्तमान स्थिति में राष्ट्रीयता के खिलाफ हैं। हम सभी मार्बल व्यापारी सरकार से अपील करते हैं कि तुर्की के साथ मार्बल व्यापार को प्रतिबंधित कर देश हित की रक्षा करंे और तुर्की से होने वाले आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करें, साथ ही हम तुर्की से होने वाले अन्यव्यापार की भी निंदा करते हैं।
एसोसिएशन देशवासियों से अपील की कि वे तुर्की से व्यापारिक प्रतिबंध के साथ ही पर्यटन को भी बंद कर दें। इस सम्बन्ध में मार्बल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को पत्र लिखकर आग्रह किया गया। हमें तुर्की को यह समझाना होगा कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए कड़े औरनिर्णायक कदम उठाने में सक्षम है। तुर्की द्वारा इस प्रकार के सैन्य सहायता को भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करंे। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह तुर्की के साथ होने वाले आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करने वालों का हर तरह से बहिष्कार किया जाना चाहिए। इस बैठक में अध्यक्ष पंकज गंगावत, पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राव, उपाध्यक्ष राजेंद्र मौर, सचिव नीरज शर्मा, सह सचिव नरेन्द्र सिंह राठौड़ एवं कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन उपस्थित थे।