उदयपुर : सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों का 124वां द्विमासिक स्नेह मिलन समारोह एमपीयूएटी गेस्ट हाउस में डा. एल.एस. जैन की अध्यक्षता में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती डॉ. पुष्पा गुप्ता द्वारा भक्ति स्तुति "राम का गुणगान करिये" से हुआ। इसके बाद डॉ. विमल शर्मा ने अपनी भावपूर्ण कविता "जब मैं परिवार में प्रेम देखता हूँ" सहित तीन कविताएं सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। श्रीमती वंदना गुप्ता ने "राम के संघर्ष" पर प्रेरक कविता प्रस्तुत की, श्रीमती पूनम भटनागर ने बचपन की यादें ताज़ा करती रचना "याद बहुत आते हैं दस पैसे में चूरन की दो पुड़ियों वाले दिन" सुनाई, जबकि श्रीमती सची रानी भारद्वाज ने "श्याम की कोई खबरिया आज तक आई नहीं" जैसी रचना प्रस्तुत की।
फिल्मी गीतों की प्रस्तुति में डॉ. एन.के. पंजाबी ने "मुझे प्यार की जिंदगी देने वाले", डॉ. पुष्पा गुप्ता ने "भीगी भीगी फिज़ा", डॉ. विमल शर्मा ने "कस्मे वादे प्यार वफ़ा", और डॉ. ए.के. गुप्ता ने "संसार है इक नदिया" गीत गाकर माहौल को सुरमय बना दिया।
विशेष आकर्षण रही चार वर्षीय लितिशा गुप्ता की प्रस्तुति, जिसने "चिकनी चेमेली" सहित अन्य गीतों पर आत्मविश्वास से भरा नृत्य कर सभी का दिल जीत लिया।
डॉ. पी.सी. कंठालिया के चुटकुलों ने सभा में हास्य की फुहारें बिखेरीं। इस अवसर पर जन्मदिवस एवं विवाह वर्षगांठ वाले सदस्यों को डॉ. ए.एल. तापड़िया द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तिलक व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
डॉ. अशोक गुप्ता ने अपने परिवार का परिचय करवाया एवं स्नेहभोज के पश्चात डॉ. एस.सी. भारद्वाज ने सभी का आभार व्यक्त किया।