GMCH STORIES

राजस्थानी नाट्य समारोह 

( Read 13393 Times)

26 Mar 21
Share |
Print This Page
राजस्थानी नाट्य समारोह 

उदयपुर |  विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर आयोजित किये जा रहे राजस्थानी नाट्य समारोह का आगाज हंसी और व्यंग से भरे नाटक ‘‘अजब चोर की गजब कहानी’’,  से हुआ।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर एवं दी परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25 से 27 मार्च 2021 तक विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर आयोजित किये जा रहे राजस्थानी नाट्य समारोह की शुरूआत नाटक ‘‘अजब चोर की गजब कहानी’’ से हुआ जिसका निर्देशन अशोक राही, जयपुर द्वारा किया गया। नाटक राजस्थान के प्रसिद्ध कथाकार विजय दान देथा की कहानी ‘‘चरण दास चोर’’ पर आधारित है। जिसका नायक एक छोटा-मोटा चोर है, जो हंसी मजाक में अपने गुरू को सच बोलने का वचन दे देता है।  साथ ही चार और प्रतिज्ञाऐं कर लेता है कि कभी वह सोने की थाली में भोजन नहीं करेगा, हाथी की सवारी कर नगर में जुलूस नहीं निकालेगा, किसी रानी से ब्याह नही करेगा और किसी देश का राजा बनना स्वीकार नहीं करेगा। चोर झूठ बोले बिना चोरी करता है। उसकी सच्चाई और ईमानदारी का डंका पूरे देश में बज उठता है। वो अपनी जिन्दगी की सबसे बड़ी और आखिरी चोरी राज खजाने से करता है। उसकी सच्चाई से राजरानी उस पर मर मिटती है । चोर को रानी हाथी के होदे पर बैठा कर राजमहल में बुलाकर सम्मान देना चाहती है। सोने की थाली में भोजन परोसा जाता है, रानी उसके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखते हुए राजा बनाना चाहती है परन्तु गुरू को दिये वचनों को निभाते हुए चोर मना कर देता है रानी सारा कुछ सहन करते हुए विनती करती है कि महल में जो कुछ हुआ वह बाहर जाकर किसी से नहीं कहे  परन्तु चोर ने सच बोलने का भी तो प्रण लिया था अतः वह इस बात से भी इनकार कर देता है। जिससे गुस्से में आकर रानी उसे मौत की सजा देती है। अपने गुरू को दिये वचनों को निभाते हुए अन्त में चोर मौत को गले लगा लेता है ।
नाटक की मुख्य भूमिका में नितिन जैन, प्रतिभा पारीक, अपेक्षा जैन, मनीष कुमार, संजय महावर, राहुल कुमार, हनी मिश्रा, राॅनी सिंह, अक्षय काष्टिया, जय सोनी, खालिद खान, साहिल अरोड़ा, यशंवत सिंह, रजत शर्मा, रितिक पंकज, विनय, लोकेन्द्र सिंह, रविकान्त थे एवं गीतकार -कैलाश मनहर, संगीतकार - मुकेश वर्मा सोनी, ढोलक पर प्रदीप पारीक थे। 
 सामारोह के दूसरे दिन दिनांक 26 मार्च को डाॅ लईक हुसैन द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘मास्टर साहब’’  जो गुरूवर रविन्द्र नाथ टैगोर की कहानी पर आधारित है प्रस्तुत होगा तो समारोह के अंतिम दिन दिनांक 27 मार्च को कुलदीप शर्मा, जयपुर द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘करम पजोखी’’ का मंचन किया जाएगा। 
समारोह की प्रस्तुतियाँ प्रतिदिन सायं 7ः 15 बजे प्रारम्भ होगी, संस्था के 1500 दर्शकों की क्षमता वाले मुक्ताकाशी खुले रंगमंच में मात्र 200 लोगो को ही प्रवेश दिया जाएगा, प्रवेश निःशुल्क है परन्तु कोविड-19 की गाईड लाईन की अनुपालना अनुसार मास्क नहीं होने पर प्रवेश वर्जित है तथा प्रवेश पहले आओं पहले पाओं आधार पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like