उदयपुर । ”कोरोना वाईरस के बाद भारत की ओर रूख करने वाली बहुराश्ट्रीय कम्पनियों को आकर्शित करने के लिए भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा रूचि प्रदर्षित की गई है जिसे देखते हुए उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने हाल ही में एक सर्वेक्षण के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया कि उदयपुर सम्भाग में उद्योग लगाने के लिये खाली पडी जमीनें कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं।“
यह जानकारी यूसीसीआई के अध्यक्ष श्री रमेष सिंघवी ने दी।
दिनांक 11 मई से 20 मई के दौरान किये गये आॅनलाईन सर्वेक्षण में यूसीसीआई सदस्यों से यह पूछा गया था कि कृशि, औद्योगिक तथा व्यावसायिक श्रेणी में उनके मालिकाना हक में कितनी भूमि खाली पडी है। साथ ही यह जानने की भी कोषिष की गई थी कि यह भूखण्ड कहां पर स्थित हैं और इनका अनुमानित वर्ग क्षेत्र कितना है। इसके अलावा निकटतम जल òोतों के बारे में भी जानकारी एकत्रित की गई थी।
अध्यक्ष श्री रमेष सिंघवी ने जानकारी देते हुए बताया कि कुल 64 लाख 50 हजार वर्ग मीटर (लगभग 1600 एकड) जमीन का विवरण यूसीसीआई को प्राप्त हुआ है जिसमें से 93 प्रतिषत भूमि कृशि क्षेत्र में, 6 प्रतिषत औद्योगिक भूखण्डों में एवं एक प्रतिषत भूमि व्यावसायिक क्षेत्र में उपलब्ध है।
यह भूमि उदयपुर जिला मुख्यालय से लगभग एक से लेकर डेढ सौ किलोमीटर तक की परिधि में अलग-अलग स्थानों पर मौजूद है।
सर्वेक्षण से प्राप्त आंकडों का विस्तृत विष्लेशण कर यूसीसीआई द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसे केन्द्रीय उद्योगमंत्री श्री पियूश गोयल, केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी, राज्य के मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत तथा कई अन्य सम्बन्धित मंत्रियों एवं विभागों को यूसीसीआई के प्रस्ताव सहित भेजा गया है तथा केन्द्रीय उद्योग मंत्रालय द्वारा इस विशय में रूचि प्रदर्षित की गई है।
यूसीसीआई को यह आषा है कि सरकार द्वारा इस सर्वेक्षण का उपयोग करते हुए जापान, अमरीका एवं दक्षिण कोरिया की उन कम्पनियों को उदयपुर सम्भाग में लाने के प्रयास करेगी जो कोरोना की वैष्विक महामारी के पष्चात अपनी औद्योगिक उत्पादन इकाईयों को भारत में लाने के बारे में विचार कर रहे हैं। इससे उदयपुर सम्भाग में औद्योगिक विकास होगा और रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे।