गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के न्यूरोसाइंसेस टीम में न्यूरो एवं वेसक्यूलर न्यूरोलोजिस्ट डॉ. सीताराम बारठ, न्यूरो सर्जन डॉ. उदय भौमिक, डॉ. गोविन्द मंगल, न्यूरो आईसीयू विभाग से डॉ. निलेश, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ ललिता द्वारा 32 वर्षीय रोगी की फ्लो डाइवर्टर तकनीक से ब्रेन हेम्रेज का सफल उपचार किया।
डूंगरपुर निवासी 32 वर्षीय रोगी हेमा पंडया जो कि ब्लडप्रेशर पेशेंट हैं को एक दिन अचानक सम्पूर्ण जीवनकाल का सबसे असहनीय सिर दर्द हुआ| ऐसे में वहीँ के स्थानीय हॉस्पिटल में दिखाने पर गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर रेफ़र किया गया|
रोगी का गीतांजली हॉस्पिटल के न्यूरोसाइंसेस विभाग में परामर्श के पश्चात् सीटीस्कैन किया गया, जिसके अंतर्गत रोगी के ब्रेन हेम्रेज की पुष्टि हुई| ब्रेन हेम्रेज का पता चलते ही रोगी के मस्तिष्क की एंजियोग्राफी की गयी, जिसमे ब्लिस्टर एन्यूरिज्म (मस्तिष्क में खून की नस में एक उभार या गुब्बारा) पाया गया| डॉ. सीताराम बारठ ने बताया कि मस्तिष्क के सभी एन्यूरिज्म में ब्लिस्टर एन्यूरिज्म 2 % (बहुत ही कम) पाया जाता है| इसमें नस के अन्दर बहुत ही सूक्ष्म एवं नाज़ुक झिल्लीनुमा एन्यूरिज्म निकलता है, आज के समय में ब्लिस्टर एन्यूरिज्म का इलाज फ्लो डाइवर्टर तकनीक (फ्लो डायवर्जन एक एंडोवैस्कुलर तकनीक है, जहां एक बेलनाकार, धातु, जाल स्टेंट को एन्यूरिज्म गर्दन के पार नसों में रखा जाता है।) जो कि नवीन तकनीक है द्वारा किया जा रहा है| कोइलिंग व क्लिपिंग जो कि एन्यूरिज्म के पारम्परिक इलाज तरीके हैं वो ब्लिस्टर एन्यूरिज्म के इलाज में पूरी तरह से कारगर नही हैं एवं इसमें रिस्क भी बहुत बढ़ जाता है| इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रोगी के एन्यूरिज्म का इलाज फ्लो डाइवर्टर तकनीक से किया गया| रोगी अब स्वस्थ है और हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।