उदयपुर / प्रदेश की महिला एवं बाल विकास (स्वतंत्र प्रभार), जन अभियोग निराकरण, अल्पसंख्यक मामलात व वक्फ विभाग की राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा है कि राज्य के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री ने प्रदेश की महिलाओं के कौशल विकास, पुनर्वास व सशक्तिकरण के उद्देश्य से महिला अधिकारिता विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। यह राज्य की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक सौगात है।
राज्यमंत्री श्रीमती भूपेश शुक्रवार को यहां जिला परिषद सभाागार में विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थी।
राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव प्रयासरत है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर प्रभावी प्रयास किए जा रहे है, ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि इन योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाते हुए लाभान्वित करें।
बैठक में जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी, नगर निगम आयुक्त अंकित कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक महावीर खराड़ी, जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं के पोषण व स्वास्थ्य को लेकर विभागीय स्तर पर विशेष प्रयास करने एवं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करने की बात कही। उन्होंने नियमित टीकाकरण, फोलोअप, जागरूकता कार्यक्रम, पोषण युक्त सामग्री समय पर उपलब्ध कराना, विभिन्न योजनाओं में पात्र महिलाओं को समय पर सहायता राशि या अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने आदि के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने इन सबके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनियों की भूमिका को अहम बताया। वहीं जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशाओं के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही के लिए भी प्रशासन को निर्देश दिए।
बैठक में दौरान अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने अल्पसंख्यक हितार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ हरजरूरतमंद को इनका पूरा लाभ प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में भी समीक्षा की और प्रत्येक पात्र छात्र को इसका शत-प्रतिशत लाभ मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को चिशेष प्रयास करने को कहा। उन्होंने जनअभाव अभियोग निराकरण के संबंध में जिले की स्थिति को संतोषप्रद बताया। बैठक में जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी ने जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी की पहल पर चलाए जा रहे चुप्पी तोड़ों, खुलकर बोलो अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
इन विषयों पर निर्देश दिए:
विभागीय समीक्षा के दौरान राज्यमंत्री श्रीमती भूपेश ने अमृता हाट के दौरान बांसवाड़ा-डूंगरपुर की समितियों को बुलाने तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन संबंधित प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए निर्देश दिए।
सब मिलकर कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ें:
राज्यमंत्री श्रीमती भूपेश ने कहा कि दक्षिण राजस्थान में कुपोषण की स्थितियां हैं और इसी वजह से उन्होंने जागरूकता के महिने पोषण माह के दौरान इस क्षेत्र का दौरा किया है। उन्होंने सुरक्षित और स्वस्थ प्रदेश के निर्माण के लिए समन्वित प्रयास करने व मिलकर कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
दिलाई शपथ:
इस अवसर पर राज्यमंत्री ने सदन में मौजूद लोगों को कुपोषण मुक्त राजस्थान निर्माण व बाल विवाह की रोकथाम में अपनी पूर्ण भागीदारी निभाने एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत बालिका जन्म पर खुशी व उत्सव मनाने, बेटियांे पर गर्व करने, लडके-लड़की के बीच समानता को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई।