गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के ऑन्को सर्जन डॉ आशीष जाखेटिया एवं डॉ अरुण पांडे्य ने ६२ वर्शीय महिला रोगी के ओवरी से ३० ग् ३० सेंटीमीटर एवं ८.५ किलो वजनी कैंसर ट्यूमर (गांठ) का सफल ऑपरेशन किया। डॉ आशीष ने बताया कि अंडू देवी भूख न लगना, पेट फूलना एवं पेट दर्द की शिकायत के साथ गीतांजली हॉस्पिटल आई थी। सीटी स्केन की जांच में ओवरी (अंडाशय) में बडी गांठ का पता चला। यह गांठ यूट्रस के साथ-साथ छोटी व बडी आंत, यूरीनरी ब्लैडर एवं रैक्टम को भी दबा रही थी जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर असर पड रहा था। तत्पश्चात ऑपरेशन कर ओवरी से इस कैंसर ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटाया गया। महिला अब पूर्णतः स्वस्थ है और निकट भविष्य में भी उसे कोई परेशानी नहीं होगी।
सर्जरी की क्या थी जटिलताएं?
डॉ अरुण पांड्ेय ने बताया कि इतनी बडी गांठ को ओवरी से हटाना अत्यंत जटिल था क्योंकि गांठ कभी-भी फट सकती थी। और यदि गांठ फट जाती तो छोटी व बडी आंत एवं ब्लैडर में प्रवेश कर जाती जहां से उसे पूरी तरह से हटाना संभव नहीं था। इस कारण रोगी की मेजर सर्जरी करनी पड सकती थी जिसमें अधिक जोखिम था। क्योंकि ऐसा होने पर अत्यधिक रक्तस्त्राव, आघात एवं मृत्यु की संभावना अधिक हो जाती है। वहीं कैंसर के ट्यूमर के दुबारा होने की संभावना भी बढ जाती है।
अब तक ओवरी कैंसर ट्यूमर १० सेंटीमीटर के आकार के ही डायग्नोस हो पाए है। ऐसे में लगभग ३० सेंटीमीटर जितने बडे ट्यूमर का निदान अत्यंत दुर्लभ है।
गीतांजली हॉस्पिटल के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि, ’गीतांजली कैंसर सेंटर में एक ही छत के नीचे मेडिकल, सर्जिकल एवं रेडिएशन ऑन्कोलोजिस्ट की विशाल एवं अनुभवी टीम मौजूद है। साथ ही यहाँ कैंसर के जटिल मामलों में ट्यूमर बोर्ड गठित कर उसके अंतर्गत समन्वित कार्यप्रणाली को अपनाते हुए योजनाबद्ध तरीके से कैंसर का उपचार करते है एवं प्रत्येक कैंसर रोगी के लिए अलग योजना के साथ उपचार को क्रियान्वित करते है। यहां उपलब्ध नवीन पद्धतियों द्वारा इलाज कर जटिल से जटिल मामलों में भी सर्जरी के बेहतर परिणाम देखने को मिले है।‘‘