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बच्चियों को दिये जाने वाले संस्कार से तीन पीढ़ी सुधरती हैं-जैन

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27 Jul 25
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बच्चियों को दिये जाने वाले संस्कार से तीन पीढ़ी सुधरती हैं-जैन



उदयपुर तुलसीदास की सराय, डबोक स्थित संस्कार तीर्थ शाश्वत धाम (बालिका गुरुकुल) में श्री कुंदकुंद कहान शाश्वत पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित जैन दर्शन कन्या महाविद्यालय के गौरवशाली 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का समापन रविवार को भव्य रूप में हुआ।
शाश्वत धाम के मंत्री एवं ट्रस्टी डॉ महावीर प्रसाद जैन ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ ट्रस्ट के संयोजक व ट्रस्टी डॉ अंकित जैन ने किया। सभी अतिथियों का शब्दों द्वारा स्वागत ट्रस्ट के मंत्री एवं ट्रस्टी डॉ जिनेंद्र शास्त्री ने करते हुए कहा कि शाश्वतधाम देश की पहली संस्था हैं जो बच्चियों को संस्कार,संस्कृत व भारतीय दर्शन व जैन दर्शन का अध्ययन कराती हैं। शास्त्री उपाधि प्राप्त स्नातक 67 बालिकाओं के सम्मान किया गया। सभी अतिथियों का माला उपरणा,मेवाड़ी पगड़ी द्वारा स्वागत ट्रस्ट अध्यक्ष ललित किकावत, उपाध्यक्ष बी.डी.जैन,महामंत्री भावेश कालिका ,कोषाध्यक्ष नरेन्द्र दलावत ने किया। सभी बालिकाओं का उपरणा ओढ़ा, स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। मुख्य वक़्ता शहर विधायक ताराचंद जैन थे।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि बच्चियों कोदिये जाने वाले संस्कार से तीन पीढ़ी सुधरती है। बालिकाओं ने अपना जीवन इस ओर चुन कर श्रेष्ठ पथ की ओर अग्रसर हुई हैं, उन्हें बधाई। गुजरात के बाद पं.रतनचंद भारिल्ल और डॉ.हुकमचंद भारिल्लको इस ओर भेजा, जिन्होंने जयपुर में पं.टोडरमल स्मारक की स्थापना की। शास्त्र और स्वाध्याय की ओर ध्यान दिया। शहर में संस्कार शिविर लग रहे हैं। पहले तो संस्कार गुरुजनों, ग्रन्थों से आते थे लेकिन अब पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव को रोकने के लिए अब ऐसे संस्कार शिविर लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। संस्कारों की दृष्टि से हमारा मुमुक्षु समाज आगे हैं। राजनीति से पूर्व याद रखते हैं कि हम जैन हैं। हमसे लोग प्रेरणा लेते हैं। जीवन में अपना आचरण जैन के रूप में रख सकें। 33 वर्षों से कंद मूल, रात्रि भोजन छोड़ रखा है और जीवन सफलतापूर्वक चल रहा है। अपने साथ सिर्फ ज्ञान और संस्कार ही जायेगा।
शाश्वत धाम के मंत्री एवं ट्रस्टी डॉ. जिनेंद्र शास्त्री ने बताया कि समारोह ये सभी 67 बालिकाएं यहां पांच वर्ष तक विभिन्न परीक्षाएं उत्तीर्ण कर शास्त्री मीन स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शाश्वत धाम सिर्फ संस्कार नही दे रहा बल्कि आत्म कल्याण के पथ ओर अग्रसर कर रहा है।
मुख्य अतिथि छोटूलाल बोहरा थे।अध्यक्षता इंदौर ढाई द्वीप जिनायतन ट्रस्ट की महामंत्री सोनल मुकेश जैन ने  की। विशिष्ट अतिथि सीए श्याम एस सिंघवी, मेरठ से पं.मनीष शास्त्री, नागपुर से पं.विपिन शास्त्री श्रीमती आशा पंड्या, विद्वान संदीप मेहता, बीडी जैन, चांदमल कीकावत, ललित कीकावत सहित ट्रस्ट के पदाधिकारी मंचासीन रहे। मंगलाचरण डॉ अंकित जैन ने किया।
डॉ तपिश जैन ने सम्मानित होने वाली बालिकाओं का परिचय दिया। मोक्ष मार्ग प्रकाशक पर प्रवचन करते हुए मेरठ के डॉ. मनीष जैन शास्त्री ने कहा कि आत्म कल्याण के लिए हम सभी को पुरुषार्थ का रास्ता पालन होगा। और वह पुरुषार्थ है तत्व विचार, तत्व कार्य चिंतन। आत्म अनुभूति में पुरुषार्थ की महिमा। यदि व्यक्ति को सुखी होना है तो अपनी चेतना में वस्तु के सही स्वरूप को समझकर अपनी आत्मा का चिंतन करना होगा तभी उसके सुखी होने का रास्ता प्रशस्त होगा।
सांयकाल प्रवचन में सतपथ फाउंडेशन के संयोजक नागपुर के प विपिन शास्त्री ने आराधना में प्रभावना का महत्व विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया।अतिथियों का सम्मान माल्यार्पण, उपरणा मेवाड़ी पगड़ी और स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।
कार्यक्रम में देश-विदेश से अनेक श्रेष्ठीगण एवं जैनसाधर्मी हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय से शास्त्री की उपाधि प्राप्त पूर्व बालिकाओं के साथ उदयपुर के साधर्मियों ने भी हिस्सा लिया। इस भव्य कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब एक हजार से अधिक जैन धर्मावलम्बी पहुंचे। पूरे धाम को भव्य रूप दिया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष ललित किकावत,उपाध्यक्ष बी.डी.जैन,महामंत्री भावेश कालिका ,कोषाध्यक्ष नरेन्द्र दलावत,संयोजक डॉ अंकित जैन मौजूद थे।


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