उदयपुर / जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग तथा माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जनजातीय पारम्परिक कला एवं संस्कृति का संरक्षण व प्रोत्साहन देने तथा देशी -विदेशी पर्यटकों से रूबरू कराने के उद्देश्य से मेवाड़ का प्रसिद्ध जनजाति लोक नृत्य नाटिका ‘‘गवरी’’ का मंचन शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर किया जाएगा। टीआरआई निदेशक दिनेश चन्द्र जैन ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 4 व 5 सितम्बर को फतहसागर पाल के देवाली छोर, 11 से 13 सितम्बर तक भारतीय लोक कला मण्डल एवं 18 से 20 सितम्बर तक सहेलियों की बाड़ी में गवरी का मंचन होगा।