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तनावमुक्ति और शांति का राजमार्ग है प्रेक्षाध्यान : संजय मुनि

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03 Sep 19
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तनावमुक्ति और शांति का राजमार्ग है प्रेक्षाध्यान : संजय मुनि

उदयपुर। महाप्रज्ञ विहार में सोमवार को पर्युषण के तहत ध्यान दिवस पर मुनि संजय कुमार ने कहा कि परम समाधि में जाने का एकमात्र साधन ध्यान है। जितने भी निर्वाण हुए, मोक्ष गए वे सब ध्यान के माध्यम से ही हुए। वर्तमान लोगों की शिकायत है कि तपस्वी ध्यान नहीं करते इसिलोये विवादास्पद बने रहते हैं। गुस्सा, आवेश, अहंकार आ जाता है। ध्यान साधन है साध्य नहीं। तपस्या देवलोक तक ले जा सकती है लेकिन सिद्धि यानी मोक्ष तक नहीं। वहां तो शुक्ल ध्यान से ही जाया जा सकता है। मुनि श्री ने आचार सूत्र के वाचन के बाद महावीर के जीवन पर बल दिया। महावीर ध्यान ज्यादा करते थे।

प्रकाश मुनि ने आज प्रायोगिक रूप में ध्यान के प्रयोग करवाये। ध्यान के पहले चरण में ध्यानासन मुद्रा विज्ञान, कायोत्सर्ग शरीर का शिथिलीकरण, लेश्याध्यान कलर थैरेपी प्रयोग, महाप्राण ध्वनि, अर्हम ध्वनि, आहार, विवेक भोजन विज्ञान समझाया। मेडिटेशन से मेंडिटेशन का छुटकारा, संवृत्ति श्वास, दीर्घ श्वास, प्राणायाम से ब्रेन बो शिंक होता है।

प्रसन्न मुनि ने कहा कि ध्यान, योग, प्राणायाम से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य प्राप्त होता है। भीतर के एंडो क्राइन सिस्टम, नाडी तंत्र, ग्रंथि तंत्र सॉफ्ट रहते हैं जिससे तनाव कम रहता है। वर्तमान में राजनेता, उद्योगपति, कर्मचारी, विद्यार्थी, शिक्षक, डिप्रेशन में तनावग्रस्त हैं। कई आत्महत्या कर लेते हैं। याददाश्त कम हो जाती है। ऐसे में ध्यान अचूक साधन है। आवेग और आवेश पर भी ध्यान कायोत्सर्ग रामबाण है। परम् शांति का साधन है।

उन्होंने कहा कि अभी चंद्रयान २ में भेजने वाले मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि हम ध्यान योग करते हैं जिससे मेमोरी पावर और निर्णायक शक्ति संतुलित रहती है। विदेशों में भी तनाव दूर करने हजारों डॉलर देकर लोग ध्यान और कायोत्सर्ग की शरण में जा रहे हैं। रशिया, जापान, अमेरिका यूनिवर्सिटी के अनेक ग्रेजुएट प्रतिवर्ष प्रेक्षाध्यान करने आते हैं।

सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि मंगलाचरण कन्या मंडल की कन्याओं द्वारा किया गया। पंडाल की व्यवस्था अर्जुन खोखावत ने की। कार्यक्रमों की जानकारी सभा मंत्री प्रकाश सुराणा ने दी।

 

 

 


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