उदयपुर। श्री महाकालेश्वर श्रावण महोत्सव समिति की बैठक दिनंाक २० अगस्त २०१८ को निकले वाले भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी को लेकर मंदिर प्रंागण में बैठक आज दिनांक १८.८.२०१८ को श्रावण महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट, महेश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता में हुई। मुख्य संयोजक रमाकान्त अजारिया, सुन्दरलाल माण्डावत, राजेश जोशी ने विस्तृत रूप से भगवान आशुतोष महाकालेश्वर शाही सवारी के नगर भ्रमण के संबंध में विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की। मुख्य संयोजकों ने बताया कि इस बार शाही सवारी में भव्य ५५ झांकियां मंदिर की ओर से निकाली जाएगी जिसमें प्रभु के विभिन्न रूपों, रहस्यों एवं शिव परिवार मां अम्बा,विष्णु अवतार, परशुराम, ब्रह्माजी, महाकाल महर्षि दधीची के भव्य स्वरूप तथा विशाल नन्दी पर आरूढ शिव बारात की झांकियां अनुपम चित्ताकर्षक होगी।
शाही सवारी के २० अगस्त २०१८ की जानकारी देते हुए सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि प्रातःकाल की पूजा अर्चना के पश्चात् अभिजित मूर्हूत १२.१५ बजे निर्मणधीन गुफा से महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। जो मंदिर के पूर्वी द्वार से होती हुई आगे बढेगी। अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने बताया कि देापहर १.३० बजे हाथीपोल पर महाकाली मंदिर में पूजारी परिषद द्वारा भगवान शिानदेव व महाकाल का पूजा स्तवन होगा तथा वहां शिव नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। दोपहर ३.३० बजे पुजारी परिषद द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर व प्रभु हरि का स्तवन किया जाएगा। सायं ६ बजे अम्बामाता मंदिर परिषद पुजारी परिषद द्वारा मां अम्बा व महाकाल का पूजा स्तवन किया जाएगा। सचिव दाधीच ने बताया कि हाथीपोल जगदीश चौक व अम्बामाता पर परस्पर पूजा स्तवन के द्वारा पूजा के लिए केवल पुजारी परिषद के सदस्य ही पूजा करेंगे ताकि व्यवस्था सुव्यवस्थित रहे।
विशेष अपील प्रवक्ता विनोद शर्मा, महिपाल शर्मा, गोपाल लोहार, रविशंकर नन्दवाना ने बताया कि इस बार सफाई व्यवस्था के संबंध में सभी समाजों से विशेष अपील की गई की वह मार्ग में स्टॉल लगाने के दौरान प्लास्टिक की सामग्री, बोतला का इकट्टा करने के लिए जगह जगह कचरा पात्र रखें तथा सवारी में भाग लेने वाले शिवभक्तों से भी निवेदन किया है कि वे खाद्य पदार्थ पेयजल व अन्य सामग्री का उपयोग करने के बाद प्लेटे, गिलासे, व बोतले कचरा पात्र में ही डाले ताकि मार्ग में शुद्धिकरण रहे व व्यवस्था नहीं फैले।
पूजा अर्चना व्यवस्था के संयोजक महेश एन दवे, हरीश नागदा, पं. स्कन्ध पण्ड्या ने बताया कि श्रावण के अंतिम सोमवार पर मंदिर में पूजा अर्चना की विशेष व्यवस्था रहेगी जिसमें निज मंदिर में ब्रह्म मुर्हूत की पूजा के पश्चात् आमजन का प्रवेश निषेद्य रहेगा तथा वेद पाठी बाह्मणों के द्वारा भगवान रूद्र का सहस्त्रधारा अभिषेक कर पूजा अर्चना तथा शिवस्त्रोत का पाठ किया जाकर भव्य श्रृंगार धराया जाकर भोग धराया जाएगा। तथा पशुपति नाथ से आए पंडित सुदर्शन आचार्य, सोमशर्मा, दीपेश आचार्य द्वारा विशेष भगवान रूर्द की पूजा अर्चना की जाएगी।
महिला समिति ः संयोजिका दीक्षा भार्गव, प्रेमलता लेाहार के नेतृत्व में बडी संख्याएं महिलाएं महाकाल के नगर भ्रमण के दौरान मंदिर परिसर से ही भगवान रूद्र के विग्रह रथ के आगे झाडू लेकर पूरे मार्ग में सफाई व्यवस्था एवं गंगा जल तथा गौमूत्र का छिडकाव किया जाएगा। आभा आमेटा, रीटा गुप्ता के नेतृत्व में बडी संख्या में फागणिया वेश में कलश लेकर बडी संख्या में रास्ते पर भगवान रूद्र की अगवानी के साथ साथ शिव भजनों को गाते हुए चलेगी।
परम्परागत पौशाक में आएंगे महादेव के गण ः अमृतलाल भगोरा, देवीलाल ढाणा ने बताया कि इस बार भगवान रूद्र की शाही सवारी के अन्तर्गत बडी संख्या में जनजाति क्षेत्रों से महादेव के गण के रूप में आदिवासी भाई परम्परागत रूप से भाग लेंगे उन्होंने बताया कि भगोरा एवं ढाणा के नेतृत्व एक समिति सीसारमा, गौरला, नौहरा, बूझडा, नान्देश्वर, छोटी उंदरी, बडी उंदरी, पाई, अलसीगढ, झाडोल, अपनी बडी, नीचली बडी, लियो का गुडा, थूर मदार, चिकलवास, बडगांव, बेदला, ढिकली , प्रतानगर, एकलिंगपुरा, तितरडी, फांदा, सवीना, जोगी तालाब, नेला, बलिचा, कुडाल, देवाली, गोवर्धविलास ग्रामीण आदि क्षेत्रों में गहन सम्फ कर शाही सवारी में आने का न्यौता दिया। बडी संख्या में आदिवासी अपने पम्परागत गवरी नृत्य तथा थाली मादल के भावपूर्ण संगीत के साथ यात्रा में शामिल होंगे।
पहली बार मेवाड क्षेत्र के वनवासी अंचल से आदिवासी समुदाय बडी संख्या में अपनी परम्परागत पौशाक पहनकर भगवान शिव की बारात के रूप में गवरी नृत्य करते हुए शाही सवारी में चलेगे। वनवासी समाज के अध्यक्ष अमृतलाल भगोरा ने बताया कि बडी संख्या में वनवासी अपने परम्परागत रूप से शाही सवारी मे सम्मिलित होकर महाकाल की सेवा में उपस्थित रहेंगे साथ पूरी यात्रा में परम्परागत मेवाड का लोक नृत्य, भजन, लोक वाद्य बजाते हुए चलेंगे।
भगवा पताकों से सजेगा शाही सवारी मार्ग ः भगवान महाकाल की शाही सवारी के रूट चार्ट के अनुसार पूरे मार्ग में भगवा पताकाएं बडी संख्या में लगाई जाएगी जिसे राजू श्रीमाली, पुरूषौत्त्म जीगनर, रमेश सोनी के मार्गदर्शन में पताकाए लगाई जाएगी। तथा सवारी में नन्दी, ओम, शिव की विभिन्न पताओं को साथ में लेकर चलेंगे शिव भक्त।
अमरनाथ सेवा समिति की और से दिल्ली से आएंगे शिव कलाकार
अमरनाथ सेवा समिति के मूलचन्द वलेचा ने बताया कि भगवान शिव की बारात में दिल्ली से शिव कलाकार आएंगे जो शाही सवारी में शिव, पार्वती, कार्तिक, गणेश व शिवगणों का रूप धारण कर शाही सवारी में शिव नृत्यनाटिका, शिव से संबंधित विभिन्न् भजनों पर प्रस्तुतियां देंगे व शिव से जुडी भावभंगिणी पौराणिक कथाओं को प्रस्तुत करते चलेंगे।
शिव विग्रह पर होगी रास्ते पर पुष्प वर्षा ः
शाही सवारी में शिव विग्रह पर रास्ते भर गुलाब, विभिन्न प्रकार के पुष्पों की वर्षा विभिन्न समाज, व संगठनों द्वारा की गई है तथा प्रन्यास द्वारा भी रास्ते भर पुष्प वर्षा की जाएगी।
मुस्लिम समुदाय का सहयोग ः मुस्लिम समुदाय ने अपनी पूर्ण भागीदारी निभाने के साथ की बैठक में आए इकबाल खां ने घोषणा की समुदाय की ओर से महाकालेश्वर की शाही सवारी में ११ घोडे चलेंगे।
सुन्दरलाल माण्डावत की ओर से ११ गाडियों प्रस्तुत की जाएगी जिसमें शिव की विभिन्न पालकियां रास्ते भर चलेगी। महेश जोशी की ओर से अति विषिश्ट चार गोल्फ कारें शाही सवारी में चलने की घोषणा की।
सिख समाज की ओर से इस बार शाही सवारी के विशेष स्वागत किया जाएगा।
बैठक में चन्द्रवीर सिंह राठौर, ओम सोनी, भूपेन्द्र पालीवाल, महिम दशौरा, योगेशपुरी गोस्वामी, भंवरलाल बाबेल, नागेन्द्र शर्मा, शंकर कुमावत, हरीश शर्मा, तेजशंकर पालीवाल, गोविन्द लोहार, सुरेन्द्र मेहता यतीन्द्र दाधीच, सुनील शर्मा, जीतेन्द्र पालीवाल, कमल बाबेल, देवेन्द्र जावलिया, जगदीश पालीवाल आदि बडी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
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