श्रीगंगानगर। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप एवं उनकी कार्यशैली के अनुसार राजस्थान वासियों को 24 घंटे घरेलू तथा 8 घंटे कृषि विद्युत उपलब्ध होती रहे, इसको लेकर विभिन्न प्रकार के विद्युत उत्पादन के प्रयास रंग लाने लगे हैं। राजस्थान में भीषण गर्मी के दौरान नागरिकों को 24 घंटे निर्बाध विद्युत मिले, इसको लेकर किये जा रहे कार्यों में सफलता निश्चित रूप से दिखाई दे रही है।
गंगानगर जिला राजस्थान के उन जिलों में है, जहां भीषण गर्मी का प्रकोप रहता है, ऐसे में बच्चों, वृद्धजनों, बीमार व्यक्तियों तथा छात्रों को विद्युत की महत्ती आवश्यकता रहती है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विद्युत क्षेत्र में सुधार व नियमित विद्युत आपूर्ति को लेकर जो प्रयास किये गये हैं, उनका लाभ गंगानगर की जनता को भी मिलेगा। 48 एवं 49 डिग्री तापक्रम के दौरान विद्युत की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है, ऐसे में विद्युत सुधार के कार्य आमजन जीवन के लिये राहत देने वाले होंगे।
गत दिनों राज्य सरकार और 3 केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में तीन ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों को भी केबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। इन जेवी कंपनियों में राज्य सरकार की कंपनियों की शेयर हॉल्डिंग के लिए वर्तमान परिसंपत्तियों से अंश पूंजी की व्यवस्था की जाएगी। इन जेवी से राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, जो बिजली की पीक लोड डिमांड को पूरा करेगा। साथ ही, बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी।
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच स्थापित होने वाली जेवी में हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत रहेगी। इसमें आरवीयूएनएल के सोलर पार्क में 500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना स्थापित की जाएगी। इस परियोजना से 2,000 करोड़ रुपये का प्रदेश में निवेश होगा। इसी प्रकार, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड एवं आरवीयूएनएल के मध्य ज्वाइंट वेंचर भी बनाई जाएगी। यह उपक्रम एक हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा और 200 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगा। 50-50 प्रतिशत की शेयरधारिता वाली इस जेवी के माध्यम से प्रदेश में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
गेल (इंडिया) लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच 50-50 प्रतिशत की शेयरधारिता वाली जेवी की स्थापना की जाएगी। इस जेवी कम्पनी को गैस आधारित धौलपुर पावर प्लांट की 300 मेगावाट क्षमता की व रामगढ़ पावर प्लांट की 270.50 मेगावाट क्षमता की मौजूदा इकाइयों का हस्तान्तरण किया जाएगा। गेल इन दोनों पावर प्लांटों के संचालन के लिए गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। इससे इन पॉवर प्लांटों के संचालन और दक्षता में बढ़ोतरी होगी। यह जेवी 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा व 250 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना भी करेगी। इससे राज्य में लगभग 4200 करोड़ रुपये का निवेश होगा।