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‘अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे’

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27 Mar 23
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‘अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे’

श्रीगंगानगर। अद्भुत..., अलौकिक..., अविस्मरणीय..., ऐतिहासिक...यादगार...! श्री अकाल तख्त साहिब जी की सरपरस्ती और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर, सिंधी समाज, सहजधारी समाज व सिंधी समाज के सहयोग से रविवार की रात्रि को श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर स्थित रामलीला मैदान में आयोजित ‘सभे सांझीवाल सदाइनि’ कीर्तन दरबार में पहुंची हजारों की संख्या में पहुंची संगत से इसी तरह की प्रतित्रि*याएं सुनने को मिली। कीर्तन दरबार के शुरूआत में श्री अकाल तख्त साहिब जी के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने संगत को संबोधित करते हुए कहा श्री गुरूनानक देव जी कहीं नहीं गए, वे हमारे अंदर हैं और श्री गुरूग्रंथ साहिब की गुरबाणी में समाहित है। उन्होंने सिंधी समाज को सिख समुदाय का अटूट अंग बताया। कीर्तन दरबार में विशेष तौर पर पहुंचे विश्व प्रसिद्ध कीर्तनीय गुरप्रीत सिंह रिंकू वीर (मुंबई वाले) ने जैसे ही माइक संभाला और कथा कीर्तन शुरू किया, वैसे ही संगत एकाग्रचित से उनके एक-एक वचन, कथा को सुनते हुए मंत्रमुग्ध हो गई और संगत जहां मौजूद थी, वहां रहकर उनके शबद गायन को सुनने पर विवश हो गई। उन्होंने ‘अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे’, ‘मोरे हृदय बसो गोपाल, रस-रस गुण गावी ठाकुर के’, ‘राजन के राजा, महाराजन के महाराज, एसो राज छोड और दूजा कौन ध्यायीय’, ‘कोई बोले राम राम कोई खुदाय, कोई जाये तीरथ, कोई हज जाये’ जैसे अनेक शबद गायन किये और इन्हें सुनकर पण्डाल में मौजूद संगत ‘बोले सो निहाल सतश्री अकाल’ ने जयकारे लगाये।
तोडो मत, बल्कि सभी को जोडो
गुरप्रीत सिंह ‘रिंकू वीर’ ने कहा कि जितने लोग एक्सीडैंट में नहीं मरे, इतिहास देख लो जब-जब युद्ध हुए तब भी इतने लोग नहीं मरे, जितने लोग धर्म के नाम पर मारे गये हैं, उसकी गिनती है ही नहीं। इसलिए धर्म के नाम पर विवाद कभी मत करो। तोडो मत, बल्कि सभी को जोडो। जिसको जो जपना है जपे, उसको कभी मत रोका। उन्होंने संगत से यह भी कहा कि अमृत वेले उठकर नाम जपो। ऐसा करने से सभी दुर्ख  दूर होंगे। जिस तरह से शरीर को भोजन की जरूरत होती है, उसी तरह आत्मा को भजन की आवश्यकता होती है। 
आकर्षण का केन्द्र रहा विशाल स्टेज
कीर्तन दरबार में आकर्षण का केन्द्र 15 फीट ऊंचा और 80 फीट चौडा स्टेज रहा, जहां पर गुरू ग्रंथ साहिब जी का दरबार सजाया गया। समागम के शुरू होने के कुछ ही देर के बाद पण्डाल छोटा पडा गया, जिसको देखते हुए सेवादारों पण्डाल का एक हिस्सा खोलकर वहां पर दरियां बिछा दी। इस अवसर पर गुरप्रीत सिंह रिंकू वीर ने कीर्तन दरबार में विशेष सहयोग देने पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक चाण्डक सहित विभिन्न सिख जत्थेबंदियों को स्मृति चिन्ह देकर व सरोपा पहनाकर सम्मानित भी किया।  गुरूद्वारा धन धन-धन बाबा दीप सिंह जी शहीद के मुख्य सेवादार तेजेन्द्रपाल सिंह टिम्मा ने बताया कि कीर्तन दरबार शाम 6 बजे शुरू हुआ, जिसका समापन  10 बजे होना था, लेकिन संगत में उत्साह अभूतपूर्व था, जिसके चलते कीर्तन दरबार रात साढे बारह बजे तक चला। इस अवसर पर राजस्थान हीं नहीं, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली से भी बडी संख्या में संगत पहुंची।
 


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