संगम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आर्ट्स एण्ड ह्यूमेनिटिज के तत्वावधान में आज 31 जुलाई 2025 को गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती एवं उपन्यासकार प्रेमचन्द जयन्ती श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के अधिष्ठाता प्रो. राजीव मेहता ने कहा कि मुगलकाल में प्रताड़ित हिन्दू सनातन धर्म के उत्थान में गोस्वामी तुलसीदास ने महती भूमिका निभाई वहीं प्रेमचन्द ने अपनी कहानी -उपन्यास के माध्यम से समाज की समस्याओं को रेखांकित किया। उप अधिष्ठाता डॉ.जोरावर सिंह राणावत ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास का महाकाव्य रामचरितमानस हिन्दू समाज को संस्कारित करने एवं समाज में उच्च जीवन मूल्यों को स्थापित करने वाला कालजयी ग्रंथ है। प्रेमचन्द की साहित्यिक कृतियों ने समाज में फैली कुरीतियों पर सटीक प्रहार करके समाज को आईना दिखाया है। मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महर्षि वाल्मीकि के ही अवतार प्रतीत होते है। प्रेमचन्द ने अपने मात्र 56 वर्ष के जीवनकाल में सामाजिक समस्याओं पर आधारित 300 से अधिक कहानियां एवं 18 से अधिक उपन्यास लिखकर हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अवसर पर डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव,डॉ. पूनम चौहान, डॉ.निर्मला राव,शालू अग्रवाल,अदिति नरेडिया, गोपाल भांबी,पूर्णिमा पारीक उपस्थित थे। संचालन डॉ.निर्मला राव ने किया तथा धन्यवाद डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव ने दिया।