GMCH STORIES

पाश्र्वनाथ की साधना से आत्म कल्याण सम्भव : दिव्यमालाश्री

( Read 8230 Times)

08 Jan 21
Share |
Print This Page
पाश्र्वनाथ की साधना से आत्म कल्याण सम्भव : दिव्यमालाश्री

सिरोही। प्रगटप्रभावी पुरूषादानी पुण्य के स्वामीप्रभु पाश्र्वनाथ का जप व साधना करने से मानव को बडा पुण्य मिलता हैं ओर आत्मा का कल्याण होता हैं। ये विचार आज पावापुरी तीथ जीव मैत्रीधाम मे विराजित पूज्य साध्वीश्री रत्नमालाश्रीजी की निश्रा मे आयोजित प्रवचन में साध्वीश्री दिव्यरत्नमालाश्रीजी ने व्यक्त किऐ। शुक्रवार को पाश्र्वनाथ जन्म कल्याणक की पूर्व संध्या पर गौशाला मे पाश्र्वप्रभु की जीवनी पर आयोजित प्रवचन मे साध्वीजी ने कहा कि जैन धर्म मे त्याग व तपस्या का विशेष महत्व हैं इसलिए वर्ष भर अनेक आयोजन होते है ओर लोग तप जप कर जीवन को मगंलम्य बनाते है।   

     साध्वीजी रत्नमालाश्रीजी ने कहा कि पावापुरी तीर्थ मे भगवान शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिनालय में यहां पर पोषदशम् को १०८ पार्श्वनाथ जन्म कल्याण पूजन होगा व ग्यारस को दीक्षा कल्याणक का वरघोडा होगा। उन्होने उपस्थित लोगो से कहा कि वे जीवन मे कुछ त्याग करने की भावना के साथ जीवन जिए ताकि मानव जीवन सफल हो सके। गौशाला व परिसर मे काम करने वाले अनके पुरूषो व महिलाओं ने भगवान के जन्मकल्याणक पर कुछ ना कुछ त्याग करने का स्वेच्छिक सकंल्प लेते हुऐ साध्वजीजी से आर्शीवाद लिया।

 

 

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Rajasthan
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like