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वैश्विक विलय के बाद ‘गर्ल राइजिंग’ ने भारत में अपने जेंडर और लाइफ स्किल्स पाठ्यक्रम का विस्तार किया, तीन वर्षों में 2.5 लाख किशोरों तक बनाई पहुंच

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15 Oct 25
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वैश्विक विलय के बाद ‘गर्ल राइजिंग’ ने भारत में अपने जेंडर और लाइफ स्किल्स पाठ्यक्रम का विस्तार किया, तीन वर्षों में 2.5 लाख किशोरों तक बनाई पहुंच

“एनईपी 2020 के तहत आधारित इस विलय का उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों और शिक्षा में समानता की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करना हैऔर किशोरोंविशेषकर लड़कियोंतक स्कूल और स्कूल के बाहर दोनों जगह पहुँच सुनिश्चित करना है”

 राष्ट्रीय : लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन ‘गर्ल राइजिंग’ ने ‘शीज़ द फर्स्ट’ के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया हैजो लड़कियों के अधिकार और मेंटरशिप पर केंद्रित है। अब ‘गर्ल राइजिंग’ के रूप में यह संयुक्त संगठन भारत में किशोरियों के लिए पहुंचसमानता और आवाज़ बढ़ाने के अपने साझा मिशन को और मजबूत करेगा। यह कदम संगठन की स्थानीय साझेदारियों को मजबूत करनेअपनी पहुंच बढ़ाने और दीर्घकालिक सतत प्रभाव देने की रणनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

 

साल 2025 में, ‘गर्ल राइजिंग’ ने छत्तीसगढ़बिहारमध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 55,000 से अधिक किशोरों तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंच बनाई और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी के माध्यम से लगभग 29 लाख किशोरों और दो लाख शिक्षकों को डिजिटल रूप से जोड़ने में सफलता हासिल की। 2015 सेयह संगठन भारत में स्कूलों और समुदायों में स्टोरी टेलिंग-आधारित कार्यक्रम चला रहा हैजो जेंडर समानतासामाजिक-भावनात्मक शिक्षा और कौशल विकसित करते हैं। इस गति को आधार बनाते हुएसाथ आए गैर-लाभकारी संगठन अब नए क्षेत्रों में विस्तार करने और मौजूदा राज्यों में अपनी पहुंच को मजबूत करने के लिए स्थानीय और राज्य सरकारों के साथ गहरे सहयोग के माध्यम से काम करने के लिए तैयार हैं।

 

यह विलय एक निर्णायक समय पर हुआ है। भारत और दुनिया भर में लिंग समानता की प्रगति खतरे में हैक्योंकि फंडिंग की कमी बढ़ रही हैसामाजिक प्रतिरोध उभर रहा है और लड़कियों को जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह एकीकृत संगठन इन चुनौतियों का उत्तर एक अधिक समेकित दृष्टिकोण के माध्यम से दे सकता हैजो लड़कियों का हौसला न केवल कक्षा मेंबल्कि उनके घर और समुदायों में भी बढ़ाएगा।

 

गर्ल राइजिंग की प्रेसिडेंट निधि शुक्ला ने कहा, "पिछले 10 वर्षों मेंदुनिया ने अधिक लड़कियों को कक्षा तक पहुंचाने में असली प्रगति हासिल की है। लेकिन केवल पहुंच ही पर्याप्त नहीं है। स्थायी बदलाव के लिए हमें मानसिकता बदलनी होगी और आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने होंगेताकि लड़कियां आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के साथ अपने भविष्य का सामना कर सकें। यह विलय उस साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता हैजो सुनिश्चित करता है कि हर लड़की को सीखने और नेतृत्व करने के लिए निरंतरसम्मानजनक और उद्देश्यपूर्ण समर्थन मिले।

 

भारत में, ‘गर्ल राइजिंग’ जीवन कौशल शिक्षा को जारी रखेगाजिसमें स्कूल कार्यक्रमों को समुदाय-आधारित मेंटरशिप के साथ जोड़ा जाएगा। पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के सिद्धांतों पर आधारित हैऔर इसमें सामाजिक-भावनात्मक शिक्षाडिजिटल और वित्तीय साक्षरताजलवायु जागरूकताऔर लिंग समानता पर विशेष ध्यान दिया गया है। कार्यक्रम जिला शिक्षा विभागोंशिक्षकों और जमीनी स्तर के साझेदारों के सहयोग से लागू किए जाते हैंताकि किशोरों को उनके जीवन को आकार देने वाले इकोसिस्टम में निरंतर समर्थन मिल सके।

 

आगे देखते हुए, ‘गर्ल राइजिंग’ भारत में अपनी पहुंच बढ़ाएगानए क्षेत्रों में काम करेगास्थानीय सरकारों के साथ साझेदारी मजबूत करेगा और किशोरों की बदलती जरूरतों के अनुसार अपने कार्यक्रम ढालेगा। स्कूल में शिक्षासमुदाय में भागीदारी और लड़कियों के नेतृत्व विकास को मिलाकरसंगठन एक समावेशीमजबूत और भविष्य के लिए तैयार पीढ़ी बनाने का लक्ष्य रखता है। ऐसे समय में जब सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत हैयह विलय मिशन से जुड़े संगठनों के लिए दीर्घकालिक बदलाव लाने का नया उदाहरण पेश करता है।


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