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पशु कल्याण दिवस 4 को, स्कूल-कॉलेजों में होंगे जीव दया कार्यक्रम

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26 Sep 25
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पशु कल्याण दिवस 4 को, स्कूल-कॉलेजों में होंगे जीव दया कार्यक्रम


राज्य सरकार ने आगामी 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस राज्यभर में मनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और विभागीय संस्थाओं में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पशुओं के प्रति दया भावना दिखाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यह दिवस पशुओं के अधिकारों की सुरक्षा, उनके साथ हो रहे क्रूर व्यवहार को रोकने तथा समाज में पशु-कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के बाद विभाग ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों और शैक्षणिक संस्थानों को आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।

श्रमण डॉ. पुष्पेंद्र ने मुख्यमंत्री को भेजा था सुझाव पत्र,

हर वर्ष 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने की परंपरा है। इसका मकसद यह संदेश देना है कि पशु भी हमारे पर्यावरण और जीवन-चक्र का अहम हिस्सा हैं, इसलिए उनके साथ दया और संवेदना का व्यवहार जरूरी है। राजस्थान सरकार का मानना है कि बच्चों और युवाओं को इस दिशा में शिक्षित करना आवश्यक है ताकि उनके मन में बचपन से ही पशुओं के प्रति करुणा और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।

दूसरी ओर पशुपालन विभाग के निदेशक आनंद संजरा द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि इस दिन सरकारी विद्यालयों एवं विभागीय संस्थानों में चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनियां और जन-जागरूकता रैलियां आयोजित की जाएंगी। इन आयोजनों का उद्देश्य बच्चों और आमजन में पशु अधिकारों, संरक्षण कानूनों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देना है।

इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रदर्शनी, वीडियो शो और रैलियों के माध्यम से पशुओं की देखभाल और उनके संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। बता दें, श्रमण डॉ. पुष्पेंद्र की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हाल ही में एक सुझाव पत्र भेजा गया, जिसमें इस दिवस को राज्य स्तर पर व्यापक रूप से मनाने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है कि सरकार इस अवसर पर पशु-कल्याण योजनाओं की घोषणा करे और जानवरों के प्रति हिंसा रोकने के लिए कठोर दंड प्रावधान लागू करे। पत्र में पशु प्रेम को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने, जनजागरुकता कार्यक्रम करने आदि का सुझाव दिया गया था।

विभागीय सहयोग और जवाबदेही : आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जिला संयुक्त निदेशक (पशुपालन) और पदेन सचिव, जिला स्तरीय क्रूरता-निवारण समिति यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके स्तर पर आयोजित कार्यक्रम सफल हों। इसके लिए सभी विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से सहयोग लिया जाएगा।

इसके साथ ही विभाग ने कहा है कि आयोजित कार्यक्रमों की फोटो, वीडियो और प्रेस-क्लिपिंग्स को विभागीय कार्यालय में भेजा जाए ताकि राज्य स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा सके। बता दे कि पशु कल्याण दिवस के आयोजन का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि समाज स्वयं आगे आए। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जब आम जन, विद्यार्थी और सरकारी संस्थाएं मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, तभी पशुओं के प्रति संवेदना की संस्कृति समाज में विकसित हो पाएगी।


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