पिलानी (राजस्थान)। प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान बिट्स पिलानी में पशुओं के प्रति अमानवीय व्यवहार का गंभीर मामला उजागर हुआ है। संस्थान परिसर में बनाए गए अवैध पशु शेल्टर में कुत्तों को बिना उचित आश्रय और देखभाल के कैद रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, न तो भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, न ही किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा मौजूद है। कुत्तों को चोट पहुँचाने और मारने जैसी घटनाएँ भी सामने आई हैं। यह स्थिति न केवल यूजीसी द्वारा 13 जून 2025 को जारी दिशा-निर्देशों (D.O. No. 2-17/2025 (CPP-II)(C.162595)) का उल्लंघन है, बल्कि सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई आदेशों में स्पष्ट कहा है कि सड़कों या शैक्षणिक परिसरों में पाए जाने वाले कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकता। भोजन, पानी और देखभाल उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही अनुच्छेद 51(ए)(g) के तहत पशुओं के प्रति करुणा दिखाना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक दायित्व है।
इस मामले में राज्य पशु कल्याण बोर्ड, जयपुर और सांसद मेनका गांधी ने भी हस्तक्षेप कर श्वानों की तत्काल रिहाई और देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, किंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि:
अवैध शेल्टर को तुरंत बंद किया जाए।
सभी श्वानों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और अदालत की अवमानना की कार्यवाही की जाए।
एक स्वतंत्र फैक्ट-फाइंडिंग जांच समिति गठित की जाए।
मामला अत्यंत गंभीर है और तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है ताकि निर्दोष प्राणियों को और पीड़ा से बचाया जा सके।