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त्वरित टिप्पणी : देश में चल रहें राजनीतिक घटनाक्रम का पटाक्षेप उप राष्ट्रपति के नए चेहरे के साथ होगा?

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24 Jul 25
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त्वरित टिप्पणी :   देश में चल रहें राजनीतिक घटनाक्रम का पटाक्षेप उप राष्ट्रपति के नए चेहरे के साथ होगा?

भारत के दूसरे सर्वोच्च संविधानिक पद से उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को हुए अचानक इस्तीफे का असर भारतीय राजनीति में अब गहराता जा रहा है और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं, अफवाहों और कयासों का दौर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है । राजनीतिक विश्लेषक और मीडिया से जुड़े लोग एवं टीवी चैनल्स आदि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की संभावित वजहें तलाश रहें है जबकि धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखें अपने त्यागपत्र में आधिकारिक रूप से स्वास्थ सम्बंधित कारण की वजह से अपने संवैधानिक पद को छोड़ने का निर्णय लेना बताया है। लेकिन एक समय धनखड़ के खिलाफ महाभियोग लाने वाले प्रतिपक्ष को यह बात हज़म नहीं हो रहीं और वे इसे दाल में कुछ न कुछ काला होना जैसा बता रहें है। दूसरी और भाजपा के अभिनेता सांसद रवि किशन और अन्य नेता इसे प्रतिपक्ष के खराब दिमागी हालत को बता रहें है। राजस्थान और अन्य प्रदेशों के नेताओं और जाट समुदाय की अपनी अलग प्रतिक्रियाएँ है । राजस्थान के कुछ नेता अगला उप राष्ट्रपति राजस्थान के ही किसी नेता को बनाने की माँग कर रहें है क्योंकि जगदीप धनखड़ राजस्थान के शेखावाटी अंचल से है। वैसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के हाड़ौती अंचल कोटा से है। कुछ जानकारों का अनुमान है कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वहाँ के किसी दिग्गज नेता को उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। वैसे फिलहाल राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह भी बिहार से जेडीयू के राज्यसभा सांसद है।धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न परिस्थितियों के मध्य उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट भी की है। 

 

संवैधानिक दृष्टि से राष्ट्रपति के निर्देश पर चुनाव आयोग उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगा। नए उपराष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए भारतीय संविधान की धारा 66 के तहत राष्ट्रपति कार्यवाही का आदेश देंगी। आशा की जा रही है कि चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख़ों की घोषणा करेगा। नियमानुसार संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य मिल कर उप राष्ट्रपति का चुनाव करते है। चुनाव की स्थिति में विजयी होने वाले उम्मीदवार को 392 सांसदों का बहुमत मिलना आवश्यक होगा।

संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में वर्तमान संख्या बल के आधार पर केन्द्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के सहयोगी दलों की संख्या करीब सवा चार सौ संसद सदस्यों की है। ऐसे में एनडीए के उम्मीदवार की जीत अवश्यंभावी दिखती है। फिर भी राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि धनखड़ के अनायास इस्तीफे को देखते हुए काँग्रेस और प्रतिपक्ष के दल उपराष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव को अपना रणनीतिक मुद्दा बनाना चाहतें है तथा विपक्ष इसका राजनीतिक फायदा उठाने की तैयारी में है । राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता और काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बारे में सार्वजनिक बयान भी दिया है।

उधर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और उनके चाणक्य माने जाने वाले केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह के मन की थाह लेना हर किसी के बूते की बात नहीं है। फिलहाल प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी यूके और मालदीव की सरकारी विदेश यात्रा पर चलें गए है। उनके लौटने के बाद ही भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने सहयोगी दलों के साथ विचार विमर्श कर उपराष्ट्रपति के नाम और उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा कर सकता है । प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की कार्य शैली को निकट से जानने वालों को मालूम है कि देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए किस भाग्यशाली नेता का नाम सामने आयेगा यह अभी भविष्य के गर्भ में ही छुपा हुआ है तथा राजनीतिक क्षेत्रों एवं मीडिया में जितने भी कयास लगाये जा रहें है, इससे इतर कोई नया चेहरा भी सामने आ जाये कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये। अब सबकी नजरें इस बात को लेकर है कि क्या देश में चल रहें मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम का पटाक्षेप उपराष्ट्रपति के नए चेहरे के साथ होगा?

 

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में देश में चल रहें राजनीतिक घटनाक्रम का पटाक्षेप चाहें किसी भी अंदाज में क्यों न हों ? सभी को यह एक बात अवश्य माननी होगीं कि आजाद भारत के बाद की 75 वर्षों की राजनीतिक यात्रा में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और उनके जोड़ीदार देश में अब तक की सबसे मजबूत और सर्व शक्तिमान राजनीतिक टीम है।


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