केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी भाषा के कमतर होने की मानसिकता से बाहर आने के महत्व को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि बच्चे मातृभाषा में ही बेहतर ढंग से सोच सकते हैं और नईं शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया गया है। शाह ने अमर उजाला की अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति के लिए चयनित विदृार्थियों को यहां अक्षय ऊर्जा भवन में संबोधित करते हुए कहा, विदेशी भाषा पढ़िए। यह व्यक्कितव विकास के लिए जरूरी है। लेकिन अपनी भाषा कमतर है या पिछड़ी हुईं है, इस मानसिकता से बाहर आना है। अगर हम अपनी भाषा को आगे बढ़ाते हैं तो यह हमें आगे बढ़ने में सहायक होगी। अख़बार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार शाह ने कहा कि इतिहास की किताबों के दायरे से बाहर जाकर पढ़ेंगे तो मालूम पड़ेगा कि हमारा देश हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर था तथा नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और यहां तक कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी हमारा देश दुनिया में सबसे उपर था। गृह मंत्री ने कहा कि आज के बच्चों के मन में होता है कि वे दुनिया के विश्व प्रसिद्ध विश्वविदृालयों में जाकर पढ़ाईं करें।