नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अदालतों से उम्मीद की जाती है कि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में महत्व के अनुसार जल्द से जल्द आदेश पारित करें। शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के दो जून के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत है कि अग्रिम जमानत के लिये उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल उसके आवेदन को 31 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया और कोईं राहत नहीं दी गईं।