केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को यहां कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं रहा जा सकता‚ जहां विधायिका द्वारा पारित कानूनों और न्यायपालिका द्वारा दिए गए फैसलों को लागू करना मुश्किल हो। उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संविधान दिवस कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कभी–कभी अपने अधिकारों की तलाश में लोग दूसरों के अधिकारों के और अपने कर्तव्यों के बारे में भूल जाते हैं। मंत्री ने कहा कि मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बीच संतुलन तलाशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयक और उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले देश के कानून होते हैं। रिजिजू ने हिंदी में कहा‚ “हम ऐसी स्थिति में नहीं हो सकते‚ जहां उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों या विधानसभा और संसद द्वारा पारित होने के बावजूद कानूनों को लागू करना मुश्किल हो जाए।