नईं दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि राजधानी के पुलिस आयुक्त के रूप में भारतीय पुलिस सेवा (आईंपीएस) के गुजरात काडर के अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति में कोईं अनियमितता, अवैधता या गड़बड़ी नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ
ने कहा कि 1984-बैच के आईंपीएस अधिकारी अस्थाना की नियुक्ति के लिए अपनायी गयी प्रािया एक दशक से अधिक समय से अपनायी जाती रही है।
इतना ही नहीं, राष्ट्रीय राजधानी की अनोखी जररतों के मद्देनजर ऐसे मामलों में अधिकारियों को कुछ ढील तो दी ही जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय ने 77 पन्नों के अपने फैसले में कहा, प्रतिवादी संख्या-दो (अस्थाना) की नियुक्ति से पहले 2006 से दिल्ली में आठ
पूर्व पुलिस आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र सरकार ने उसी प्रािया का पालन करते हुए की, जिसके तहत प्रतिवादी संख्या-दो की नियुक्ति की गयी।