GMCH STORIES

शुद्धि दान यज्ञ व बंचितों की सेवा का महान पर्व है मकर संक्रांति : विनोद बंसल

( Read 8008 Times)

15 Jan 20
Share |
Print This Page
शुद्धि दान यज्ञ व बंचितों की सेवा का महान पर्व है मकर संक्रांति : विनोद बंसल

नई दिल्ली  । शारीरिक व मन की शुद्धि, दान, यज्ञ व बंचितों की सेवा कर उन्हें गले लगाने का महान पर्व है मकर संक्रांति. आज दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित आर्य समाज संत नगर में आयोजित भव्य मकर संक्रांति उत्सव में बोलते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने यह भी कहा कि सम्पूर्ण भारत में कहीं लोहड़ी, कहीं उत्तरायण, कहीं माघ साजी, कहीं पौष-संक्रांति, कहीं पोंगल, कहीं बिहू, कहीं मकराविलक्कू तो कहीं मकर संक्रांति जैसे विविध नामों से अलग-अलग प्रकार से मनाए जाने वाले भगवान सूर्य की उपासना के इस महान पर्व के अवसर पर गुड तिल, गज़क व खिचड़ी का सेवन भी विविधता में एकता का ही एक विशेष संदेश देता है।

      इस अवसर पर वैदिक विदुषी दर्शानाचार्या श्रीमती विमलेश आर्या ने उपस्थित जन-समूह को यज्ञ में आहूतियां समर्पित करवा कर यज्ञोपदेश करते हुए कहा लोहड़ी बृहदयज्ञ का ही एक रूप ही है जिसमें, शरदऋतु में आये नवान्न गुड़ तिल मक्का आदि से बने मिष्ठान की आहुति हवन सामिग्री में मिला कर दी जाती है। अतः यज्ञ, देव-पूजा संगतिकरण और दान करते हुए अभावग्रस्त लोगों को पुण्य कार्यों में शामिल कर उनकी आवश्यकता की वस्तुएं वितरण करके ही लोहड़ी या मकर संक्रांति जैसे पर्व को सार्थक किया जा सकता है।

      लोहड़ी व मकर-संक्रांति यज्ञ के उपरांत कार्यक्रम में आर्यसमाज के कोषाध्यक्ष श्री वीरेंद्र सूद, राज सूद, श्रीमती चौहान, पार्वती, निम्मी व हितेश के अतिरिक्त कुमारी अनीता मोहिनी के समूह गान तथा अर्शदीप सिंह, जस्नूर कौर, दक्ष व नील नामक नन्हे-मुन्ने बच्चों की सुमधुर प्रस्तुति ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भवदीय


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like