सरकार ने अधूरी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का एक कोष बनाने का निर्णय लिया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सरकार दस हजार करोड़ रुपए वैकल्पिक निवेश कोष में उपलब्ध कराएगी। शेष 15 हजार करोड़ रुपए भारतीय स्टेट बैंक और जीवन बीमा निगम द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कोष से सोलह सौ अधूरी परियोजनाओं का काम पूरा हो सकेगा जिसमें देशभर की चार लाख 58 हजार आवासीय ईकाइयां शामिल हैं। सुश्री सीतारामन ने कहा कि इस कोष में सॉवरेन और पेंशन निधि के शामिल होने का अनुमान है जिसके बाद कोष की समग्र राशि और अधिक बढ़ जाएगी।
इस कोष से डेवलपरों को काफी राहत मिलेगी और वे अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को सही समय पर मकान उपलब्ध करा सकेंगे। रियल एस्टेट उद्योग की स्थिति का असर कई अन्य उद्योगों पर भी पड़ता है। इसलिए इस क्षेत्र की वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था के कई अन्य प्रमुख क्षेत्रों का संकट भी दूर होने की संभावना है।