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कोख़ से बेटी बोले...

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13 Mar 20
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं,

कोख़ से बेटी बोले...

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं,

अभियान को शत-शत नमन|

कि जिसकी वजह से ही,

अब कुछ,

आस सी जागी है |

मैं भी अब,

जनम ले पाऊँगी |

माँ की कोख़ में,

यूँ ही, मारी नहीं जाऊँगी |

अब कुछ,

आस सी जागी है |

भ्रूण हत्याये नहीं होंगी,

लिंगानुपात में भी अब |

कमी जरुर आयेगी |

अब कुछ,

आस सी जागी है |

मेरे जनम पर माँ को,

ताने नहीं मिलेंगे |

माँ खुश हो जायेगी ,

तो पिता मुस्कुराएगें |

अब कुछ,

आस सी जागी है |

दहेज़ रूपी दानव,

अब निगल नहीं पायेगा |

मेरे परिवार में भी,

खुशियाँ छा जायेगी |

अब कुछ,

आस सी जागी है |

मैं भी पढ़-लिख कर ,

माँ-बाप का नाम,

रोशन कर पाऊँगी |

विदेशों में देश का,

झंडा ऊँचा कर पाऊँगी |

बेटी बचाओ बेटी पढाओं,

अभियान को शत-शत नमन |

कि जिसकी वजह से ही

अब कुछ,

आस सी जागी है |

मैं भी जनम ले पाऊँगी,

माँ की कोख में

यूँ ही, मारी नहीं जाऊँगी |


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