बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं,
अभियान को शत-शत नमन|
कि जिसकी वजह से ही,
अब कुछ,
आस सी जागी है |
मैं भी अब,
जनम ले पाऊँगी |
माँ की कोख़ में,
यूँ ही, मारी नहीं जाऊँगी |
अब कुछ,
आस सी जागी है |
भ्रूण हत्याये नहीं होंगी,
लिंगानुपात में भी अब |
कमी जरुर आयेगी |
अब कुछ,
आस सी जागी है |
मेरे जनम पर माँ को,
ताने नहीं मिलेंगे |
माँ खुश हो जायेगी ,
तो पिता मुस्कुराएगें |
अब कुछ,
आस सी जागी है |
दहेज़ रूपी दानव,
अब निगल नहीं पायेगा |
मेरे परिवार में भी,
खुशियाँ छा जायेगी |
अब कुछ,
आस सी जागी है |
मैं भी पढ़-लिख कर ,
माँ-बाप का नाम,
रोशन कर पाऊँगी |
विदेशों में देश का,
झंडा ऊँचा कर पाऊँगी |
बेटी बचाओ बेटी पढाओं,
अभियान को शत-शत नमन |
कि जिसकी वजह से ही
अब कुछ,
आस सी जागी है |
मैं भी जनम ले पाऊँगी,
माँ की कोख में
यूँ ही, मारी नहीं जाऊँगी |