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कोटा में तेजी से बढ़ रहा है,अंगदान संकल्प का कार्य, हाड़ौती में प्रथम

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24 Jul 25
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कोटा में तेजी से बढ़ रहा है,अंगदान संकल्प का कार्य, हाड़ौती में प्रथम

1. कोटा में तेजी से बढ़ रहा है,अंगदान संकल्प का कार्य, हाड़ौती में प्रथम
2. सिर्फ क्यूआर कोड,को स्कैन कर,लें अंगदान संकल्प

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संस्थान,(नोटो)  नई दिल्ली के निदेशक डॉ अनिल कुमार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार जुलाई माह को अंगदान जागरूकता माह घोषित किया गया है । इस क्रम में पूरे भारतवर्ष के सभी राज्यों और जिलों में अंगदान जागरूकता का अभियान तेज गति पर है ।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी अंगदान जागरूकता एवं ब्रेन डेड व्यक्तियों के अंगदान के लिये, कई बार मन की बात कार्यक्रम में कहा गया है । हाड़ौती क्षेत्र में भी मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा विभाग के द्वारा अंगदान जागरूकता के लिए अंगदान संकल्प पत्र भरवाये जा रहे हैं । इसी क्रम में संभाग की अग्रणी संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन भी अपना उत्कृष्ट कार्य कर रहा है ।

संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि,संस्था के सदस्य ग्रुप में, घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ, अंगदान संकल्प के लिए नोटों द्वारा भेजा गया, क्यूआर कोड को स्कैन करा कर इस समय शहर वासियों के नेत्रदान और अंगदान के संकल्प पत्र भरवा रहे हैं ।

15 जुलाई से प्रारंभ हुए अंगदान जीवन-संजीवनी अभियान में शहर के सभी उम्र,वर्ग,जाति,धर्म के लोग क्यूआर कोड को स्कैन कर, संकल्प पत्र भर रहे हैं । कोटा शहर में 2300 से अधिक लोग अंगदान का संपर्क ले चुके हैं इस तरह से कोटा पूरे राजस्थान के 33 जिलों में पांचवें स्थान पर है, और हाडोती में प्रथम स्थान पर ।

अब अंगदान की शपथ लेने के लिए आपको लंबा फॉर्म भरने या किसी ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। सिर्फ एक क्यूआर कोड स्कैन कीजिए और अंगदान की शपथ लेकर किसी की जिंदगी बचाने का संकल्प लीजिए।

यह अभियान राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से देश भर में चल रहा है। जिले भर में आम लोगों, कॉलेज स्टूडेंट्स सहित अस्पताल में आने वाले मरीजों, तीमारदारों और आम नागरिकों को एक विशेष क्यूआर कोड के माध्यम से अंगदान की शपथ दिलाई जाएगी। इस कोड को स्कैन करते ही व्यक्ति राष्ट्रीय अंगदान पोर्टल पर पहुंच जाएगा, जहां वह अंगदान के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क, आसान और सुरक्षित है।

अंगदान क्यों जरूरी है?... भारत में हर साल 5 लाख मरीजों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की व्यक्ति के अंगदान से 8 से 9 लोगों की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता कम है। एक जान बच सकती है। मौत के बाद भी आप किसी की नई जिंदगी बन सकते हैं। लीवर, किडनी, हार्ट, फेफड़े, आंखें व त्वचा जैसे अंगदान कर सकते हैं। यह पूरी तरह नैतिक को सम्मानपूर्वक सजाते हैं, जिससे अंतिम और कानूनी प्रक्रिया है। इसके बाद शरीर के अंतिम दर्शन में कोई अंतर नहीं नजर आता।

इस अंगदान जीवन संजीवनी अभियान का समापन 3 अगस्त को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर किया जाएगा ।


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