आर्यन लेखिका मंच कोटा द्वारा, पहलगाम की आतंकी घटना में मारे गए 26 पर्यटकों को रविवार को श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्ष रेखा पंचोली ने आतंकवाद की इस कायराना घटना की भर्त्सना करते हुए कहा कि भारत की जनता आतंकवादियों पर कड़ी कार्यवाही चाहती है ।
उपाध्यक्षा अपर्णा पांडे ने कविता से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा.......
पहलगाम की वादियां ,रंगी ख़ून से देख।
जाग सनातनी जाग रे,सर ऊपर अब रेख ।।
कोषाध्यक्ष पल्लवी न्याति ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा..........
कांप उठी कश्मीर की घाटी
कैसा नरसंहार हुआ ।
मानव ने ही दानव बनकर
मानवता पर वार किया ।
सचिव इंदू बाला शर्मा ने श्रद्धांजलि देते हुए अपनी अभिव्यक्ति दी........
हे कृष्ण हे गोविंद
आप कब आएंगे
भारत धरा की माटी आज लहू में सनी
आपको पुकार रही।
साधना शर्मा ने कहा.......
स्वर्ग से भी सुन्दर वादी का
देखो कैसा हाल हुआ
रो रो कर लिदर नदी पूंछे
मेरा रंग क्यूँ लाल हुआ।
अंजना गर्ग ने कहा.........
पहलगाम हादसे पर मन मेरा सिसक रहा
कुछ लिखने से पहले कलम का दिल भी सोच रहा।
सारिका मित्तल ने कहा.........
दलाल हैं वे
अपने ही अंधकार के
अभिषप्त पुजारी हैं।
और राष्ट्र? वह अभी भी देखता है - टूटती उम्मीदों की आँख से,
और पूछता है कि
“क्या मैं केवल एक सीमा हूँ?”
या“एक आत्मा,जिसे तुमने
कब का छोड़ दिया?”