गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जयपुर एक बार फिर दुनिया भर के पर्यटन विशेषज्ञों, टूर ऑपरेटर्स व पर्यटन क्षेत्र के स्टेकहोल्डर्स के स्वागत के लिए जयपुर पलक पांवड़े बिछा कर तैयार है। पर्यटन विभाग, पर्यटन मंत्रालय, फिक्की की संयुक्त भागीदारी में 14वां ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाज़ार आगामी 4 से 6 मई तक जयपुर में आयोजित किया जाएगा। जयपुर के टोंक रोड स्थित होटल अनन्तारा में जीआईटीबी का उद्घाटन सत्र आयोजित होगा । शेष कार्यक्रम जेइसीसी सीतापुरा में होंगे। इस आयोजन को होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स का भी सहयोग प्राप्त है।
इस बार ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाज़ार के आयोजन के दौरान ही केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव- 2025 का आयोजन भी 4 मई को होटल नोवाटेल जयपुर एग्ज़ीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा. मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी एमआईसीई ( मीटिंग, इनसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस व एग्जिबिशन) के प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित करना है.
पर्यटन विभाग के अनुसार जीआईटीबी सिर्फ एक ट्रैवल मार्केट नहीं है, यह एक ऐसा मंच है जहां सहयोग, संवाद और भविष्य की संभावqनाएं आकार लेती हैं. इस वर्ष 55 देशों से आए 280 विदेशी टूर ऑपरेटर्स भाग लेंगे और 11000 से अधिक बी टू बी मीटिंग्स आयोजित होंगी. उनका कहना है कि राजस्थान केवल पारंपरिक पर्यटन स्थलों तक सीमित नहीं रह गया है. हमारा लक्ष्य है राजस्थान को एक मल्टी-डायमेंशनल, एक्सपीरियंस-बेस्ड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना, जहां हर यात्री को अपनी रुचि के अनुसार कुछ नया अनुभव करने का अवसर मिले. राठौड़ के अनुसार जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे पारंपरिक शहरों के साथ-साथ अजमेर, पुष्कर, भरतपुर, अलवर, जैसलमेर, बीकानेर, शेखावाटी, कोटा, बूंदी, माउंट आबू, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर और धौलपुर भी एमआईसीई टूरिज्म के नए केंद्र बनकर उभरे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन विभाग ने परिवहन, संचार, विश्वस्तरीय होटल्स और कॉन्फ्रेंस सेंटर जैसी सुविधाओं का प्रभावी नेटवर्क तैयार किया है. यही कारण है कि आज राजस्थान एक 'संपूर्ण पर्यटन पैकेज' बन चुका है।
*खाटूश्यामजी कोरिडोर और शेखावाटी क्षेत्र की ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण के प्रयास*
इधर उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने खाटूश्यामजी के छत्तीसगढ़ भवन में शेखावाटी क्षेत्र की ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण और श्री खाटूश्यामजी मंदिर कॉरिडोर के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कॉरिडोर को लेकर अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए।बैठक में सीकर, झुंझुनूं और चूरू के जिला कलेक्टर, पर्यटन हितधारक, श्री श्याम मंदिर कमेटी के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने शेखावाटी की सांस्कृतिक धरोहर को मूल स्वरूप में संरक्षित करने और खाटूश्यामजी मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उपमुख्यमंत्री ने शेखावाटी की विश्व प्रसिद्ध हवेलियों के संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रभावी उपायों पर जोर दिया।
उन्होंने हवेलियों की रजिस्ट्री और स्थानांतरण के दौरान कड़ी जांच, जिला व नगरपालिका स्तर पर कमेटी गठन, नियमित मॉनिटरिंग और अतिक्रमण हटाने की त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. बैठक में हेरिटेज संरक्षण के लिए विधानसभा में विशेष एक्ट लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए तमिलनाडु के चेट्टीनाड मॉडल का अध्ययन कर शेखावाटी में लागू करने का सुझाव दिया. वहीं यूनेस्को की हेरिटेज रिपोर्ट की समीक्षा कर इन स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
हितधारकों ने हवेलियों के लिए जोन निर्धारण, हेरिटेज कंजर्वेशन अथॉरिटी गठन और पर्यटन केंद्रित बजट जैसे सुझाव दिए, जिन्हें उप मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए सभी जिला कलेक्टर्स को त्वरित कार्यवाही के लिए कहा.बैठक में केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत स्वीकृत श्री खाटूश्यामजी मंदिर कॉरिडोर के विकास कार्यों की डीपीआर की समीक्षा की गई. इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने राज्य के प्रस्ताव पर पूर्ण बजट स्वीकृत किया है, जिससे मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा.
डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, ओपन एयर थिएटर, लाइट एंड साउंड शो, कथा पंडाल, कैफेटेरिया, पार्किंग, फूड कोर्ट और मुख्य प्रवेश द्वारों की प्रगति की समीक्षा कर उन्होंने आवश्यक सुझाव दिए. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एंट्री पॉइंट्स पर पार्किंग, ड्रेनेज सिस्टम और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त बजट आवंटन की घोषणा की. वहीं खाटूश्यामजी मंदिर की दर्शन व्यवस्था को और सुगम बनाने के लिए जिला प्रशासन, मंदिर कमेटी और जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण से संबंधित सुझावों को अमल में लाने के लिए शीघ्र ही जयपुर में सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।