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हिंदी के प्रति महात्मा ग़ांधी का विशेष प्रेम था

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04 Oct 19
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हिंदी के प्रति महात्मा ग़ांधी का विशेष प्रेम था

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |  राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा में पुज्य महात्मा गांधी जी की 150 वी स्वर्णजयंती समारोह का के अंतर्गत “ महात्मा गांधी की नजर मे हिंदी” विषय पर विमर्श एवं सम्मान सम्मारोह  का कार्यक्रम आयोजित किया गया । प्रारंभ में पूज्य बापू जी के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्प अर्पित किये गए।

मुख्य अतिथी राम शर्मा ने कहा कि - हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और हिन्दी हृदय की भाषा है। वही मुख्य वक्ता निशा गुप्ता ने कहा कि – गांधी जी की नजर में हिंदी के प्रति महात्मा गांधी का प्रेम बड़ा गहरा था। राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।विशिष्ठ अतिथी सुजाता पारीक एवं निशा ने भी अपने विचार रखे। 

अपने स्वागत उद्बोधन में डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव मंडल अध्यक्ष मंडल पुस्तकालय ने कहा कि 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। उनका यह आंदोलन समाज से अस्यपृश्यता मिटाने के लिए था। उन्होंने हरिजन नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन भी किया था। हरिजन आंदोलन में मदद के लिए गांधी जी ने 21 दिन का उपवास किया था। दलितों के लिए हरिजन शब्द गांधी जी ने ही दिया था। हरिजन से उनका तात्पर्य था ईश्वर का आदमी।

इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को पुरुस्कृत किया गया । प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता परिधी नागर (प्रथम स्थान), वात्सल्य शर्मा (द्वितीय स्थान) तथा ख्याति ( त्रतीय स्थान ) पर रहै । वही पेंटीग प्रतियोगिता मे डेयर  (प्रथम स्थान), भव्य (द्वितीय स्थान) तथा आयुष ( त्रतीय स्थान ) पर रहै । इस दिवस पर भारत सरकार के फिल्म प्रभाग की गांधी स्मारक निधी के सहयोग से बनी मूल फिल्म के आधार पर बनी लघुवृत फिल्म (डोक्य़ुमेंट्री) “महात्मा –1869-1948” दिखायी गयी । आमंत्रित अतिथियों का कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने रोली तिलक  लगा कर स्वागत किया ।


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