जैसलमेर। दीपावली के अवसर पर जिला प्रशासन, जैसलमेर एवं ओरण संघर्ष समिति के मध्य हुई बैठक में जिले के पारंपरिक ओरण-गोचर, तालाब, कुएं, आगोर, खडीन सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने के संबंध में महत्वपूर्ण सहमति बनी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तहसील, उपखंड एवं जिला स्तर पर लंबित ओरण प्रस्तावों को राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा। साथ ही, गोचर भूमि को नियमानुसार एवं नोमर्स के अनुसार दर्ज कराया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, जिले के सभी रास्ते, नदी-नाले, तालाब, आगोर, पाछोर, स्मारक, खडीन, कुएं, श्मशान भूमि इत्यादि का सर्वे करवाया जाएगा एवं सर्वे प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजे जाएं।
जिन ग्रामों में सोलर एवं सीमेंट उद्योग हेतु भूमि प्रस्तावित है, उन क्षेत्रों में ओरण, गोचर, तालाब, कुएं एवं आगोर भूमि के सर्वे के आदेश हुए है उनका सर्वे प्राथमिकता से पूर्ण करवाया जाए। साथ ही, स्थानीय ग्राम पंचायतों से समन्वय करते हुए सर्वे कार्य किया जाएगा ताकि परंपरागत लोक धरोहरों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
जिला प्रशासन के 24 सितम्बर 2025 के आदेश की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर प्राप्त कर सके एवं ओरण के प्रस्तावों को राज्य सरकार को भिजवाकर अभिलेखों में दर्ज कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अवसर पर जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, जिला कलक्टर प्रताप सिंह, उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल, सहायक निदेशक लोक सेवाएं रोहित वर्मा, हाथी सिंह मुलाना, समाजसेवी दलपत हिंगडा, सुमेंर सिंह सांवता, सुरेंद्र सिंह भाटी, आईदान सिंह भाटी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।