जैसलमेर 29 अप्रेल। जिले में अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा एवं अन्य अवसरों पर अबूझ सावों में बाल विवाह किए जाने की संम्भावना रहती है। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट प्रताप सिंह ने संपूर्ण जिले में बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर निरोधात्मक कदम उठाने के आदेश जारी किए है।
जिला मजिस्टेªट श्री सिंह ने बाल विवाह की बेहतरीन ढंग से प्रभावी रोकथाम के लिए इन संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में कार्यरत शिक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि लोक सेवकों को गांव/कस्बे में विवाह होने की पूर्व जानकारी प्राप्त हो जाती है, इसलिए वे पूर्ण रुप से गांव में सतर्कता वे निगरानी रखेगें। इसी प्रकार जिला परिषद व पंचायत समिति की बैठकों में जनप्रतिनिधियों व प्रतिष्ठित व्यक्तियों को बाल विवाह निषेध कानून 2006 के प्रावधानों एवं दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराएं ताकि वे अपने क्षेत्र में बाल विवाहों के विरुद्व वातावरण तैयार करें तथा बाल विवाह नहीं होने दें। इसके साथ ही उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिनियम का उल्लघंन किये जाने पर दोषी माता-पिता एवं अभिभावकों के साथ ही इनका सहयोग करने वालों के विरुद्व भी इस अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह होने की जानकारी प्राप्त होने पर इसकी तुरन्त सूचना निकटतम थानाधिकारी, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार को दिए जाने के लिए उनके अधीनस्थ कार्मिकों निर्देश प्रदान किया जावें। इसके साथ ही बाल विवाह रोके जाने के लिये विशेष ग्राम सभाएॅं आयोजित करवाई जावें एवं उसमें इसके दुष्परिणामों व कानून के बारे में ग्रामीणजनों को जानकारी दें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होने के मध्यनजर विशेष सतर्कता एवं निगरानी व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरपंचों, ग्राम विकास अधिकारियों, विद्यालय संस्था प्रधानों को पाबंद किया जावें कि इन राजकीय संस्थानों में बारात को ठहराने की अनुमति नहीं देवें। इसके साथ ही बाल विवाह में सहयोग देने वाले पण्डित, हलवाई, टेन्ट हाउस, बाराती, ट्रांसपोर्टर बैण्ड वालों को भी पाबंद करावें कि वे बाल विवाह में किसी प्रकार का कोई सहयोग न दें अन्यथा उनके विरुद्व कानूनी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही गांवांे में प्रमुख मौजीज व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी देवें।
जिला मजिस्टेªेट ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाल विवाह रोके जाने के लिए उनके द्वारा उठाये गए प्रत्येक कदम व सम्पन्न की गई कार्यवाही से कार्यालय जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट जैसलमेर को अनिवार्य रुप से अवगत कराएंगे।