द्वितीय विश्व युद्ध की वर्दी पहने रूसी सैनिकों ने कल मॉस्को के रैड स्क्वेयर में परेड की। यह परेड 1941 की उस ऐतिहासिक परेड की स्मृति में थी, जब सोवियत सैनिक नाजी सैनिकों से लड़ने के लिए युद्ध क्षेत्र में पहुंचे थे।
इस वार्षिक कार्यक्रम में लगभग चार हज़ार सैनिक और टी-34 टैंक सात नवम्बर 1941 की उस ऐतिहासिक परेड को दोबारा दोहराते हैं, जब रूसी सैनिक रैड स्क्वेयर से सीधे सीमा पर लड़ने गए थे। इसे साहस और देशक्ति का प्रतीक माना जाता है।
द्वितीय युद्ध के सैनिकों समेत लगभग सात हज़ार मेहमानों ने इस परेड को देखा। इस भयंकर युद्ध में लाल सेना की जीत को रूस के गौरव के रूप में भी देखा जाता है।