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फार्मासिस्ट सम्मान समारोह का हुआ आयोजन जहॉ दवा - वहॉ फार्मासिस्ट

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25 Sep 25
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फार्मासिस्ट सम्मान समारोह का हुआ आयोजन जहॉ दवा - वहॉ फार्मासिस्ट


उदयपुर विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ एकीकृत के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में फार्मासिस्ट सम्मान समारोह का शुभारंभ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। समारोह में अतिथियों द्वारा 250 फार्मासिस्ट का उपरणा एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि डाक्टर एवं मरीज के बीच की कड़ी  है फार्मासिस्ट, इन्हें संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की जरूरत है। हर वर्ष करीब एक लाख से अधिक मरीज गलत दवा के सेवन करने से उनकी मृत्यु हो जाती है इसलिए इनकी जिम्मेदारी ओर अधिक बढ जाती है। डाक्टर तो सिर्फ दवा लिखता है।  आधा मरीज तो ठीक सही बोलचाल से ही हो जाता है। उन्होंने फार्मासिस्ट के योगदान को समझने के लिए विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। सन् 2000 में इस्तांबुल में इंटरनेशल फार्मास्यूटिकल फेडरेशनल ने इस दिवस की शुरूआत की। इस वर्ष की थीम फार्मासिस्ट की स्वास्थ्य सेवाओं के भरोसा कायम करना है। कोविड 19 के दौरान फार्मासिस्टों ने आक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति कर अपनी अहमियत साबित की थी। अस्पतालों में डाक्टरों के बाद मरीजों से सबसे पहले सम्पर्क करने वाले फार्मासिस्ट ही होते है जो दवा सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते है। जिले में एक हजार से अधिक निजी व सरकारी फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं को संभाले हुए है।
प्रारंभ में प्राचार्य उदयभान सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मान समारोह की जानकारी दी।
इस अवसर पर आरएनटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर, सीएमएचओ डॉ. एस.एल. बामनिया, अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रबंधक विक्रम सिंह देवड़ा, अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन, डॉ. मोहन सिंह धाकड, डॉ. दीपक सेठी, विजेन्द्र सिंह ने फार्मासिस्ट को बधाई देते हुए कहा कि डाक्टर एवं मरीज के बीच की कड़ी है फार्मासिस्ट। उपचार का निदान ये ही करते है। पूर्व में इनकी पहचान सिर्फ दवा विक्रेता तक रहती थी लेकिन जब से सरकार की ओर से निशुल्क दवा वितरण की घोषणा हुई इनका दायरा बढ गया है। डाक्टर मरीज को सिर्फ दवा लिखता है लेकिन मुख्य कार्य फार्मासिस्ट का होता है उन्हें पुरे संवेदनशीलता के साथ मरीज से बात करनी होती है उसे यह दवा कब, कैसे व किस मात्रा में लेनी है यह बताने का दायित्व फार्मासिस्ट का होता है। यह कार्य विज्ञान, सेवा, संवेदनशीलता का कार्य है। इस पेशे में फार्मासिस्ट बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनने की जरूरत  है। हर रोज नयी बिमारी देखने को मिल रही है।  कार्य के प्रति समर्पित एवं निष्ठा भाव से करने की जरूरत है।
इस मौके पर प्रो. मंजु मांडोत, डॉ. गौरांग त्रिवेदी, डॉ. गजेन्द्र सिंह राठौड, डॉ. कीर्ति राठौड, डॉ. भारत सिंह देवडा, कृष्णकांत कुमावत, डॉ. जयसिंह जोधा, लक्ष्मण सिंह, नरेश डांगी सहित फार्मासिस्ट उपस्थित थे।
संचालन डॉ. हरीश चौबीसा  ने किया जबकि आभार विजेन्द्र सिंह राठौड़ ने जताया।


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