कार्डियो वैस्कुलर रोग के प्रमुख कारणों में से एक उच्च रक्तचाप देश के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाको में तेजी से बढ़ रहा है और चिंताजनक बात यह है कि इससे ग्रस्त 50 प्रतिशत लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता तथा जिन्हें मालूम भी है उनमें से केवल 50 प्रतिशत ही उसे नियंत्रित करने के प्रति सजग हैं। अधिक आयु के ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी के बढ़ने की गति यही रही तो 2025 में करीब 21 करोड़ लोग इसकी चपेट में होगें। प्रतिष्ठित विज्ञान जनरल लैंसेट में हाल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि भारत में कार्डियो वैस्कुलर रोगों के कारण होने वाली मृत्यु दर अधिक है। मैक्स अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक एवं इंटरवेन्शनल कार्डियोलाजी के प्रमुख डा. मनोज कुमार ने बताया कि वंशानुगत और कई मामलों में खराब जीवन शैली की वजह से होने वाले उच्च रक्तचाप को हार्ट अटैक के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है। इसका किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है तथा इससे मस्तिष्काघात का भी खतरा बना रहता है। उच्च रक्तचाप के प्रति सावधानी बरतने के लिए जरुरी है कि 40 साल की उम्र के बाद इसकी नियमित जांच कराई जाए। योग , खान-पान समेत जीवन शैली में कई प्रकार के सुधार करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है।