राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न सत्रों में मेघालय, नागालैंड, लद्दाख, तमिलनाडु, केरल, नई दिल्ली, सहित अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की ओर से अपने क्षेत्रों में पर्यटन के नए डेस्टीनेशन की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस दौरान नागालैंड के पर्यटन और उच्च शिक्षा मंत्री तेम्जेन इम्मा एलॉन्ग ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा- “नागालैंड की धरती की ओर से नमस्ते! नागालैंड की जुको वैली को ग्लोबल डेस्टीनेशन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, उदयपुर जैसे खूबसूरत शहर को बनाने के बाद आराम करने के लिए भगवान ने जुको वैली को बनाया। ज़ूको वैली हरियाली से भरी 20 हजार एकड़ क्षेत्र में 8 हजारी फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नागालैंड के 1400 से अधिक गांवों में 17 जनजातियां निवास करती हैं। जूको वैली कोहिमा से आगे नागा जनजाति का गांव है, जहां हर साल पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं। पूर्वातर की रील्स देखें, तो सबसे ज्यादा जूको वैली की होती है। हम चाहते हैं कि हमारी संस्कृति और प्राकृतिक वातावरण को बचाते हुए जूको वैली को ग्लोबल डेस्टीनेशन बनाएं। आप सभी को निमंत्रण है कि जब रेगिस्तान से थोड़ा मन भर जाए, तो नागालैंड आएं।
मेघालय में उमियाम लेक बनेगी ग्लोबल डेस्टीनेशन-
मेघालय के प्रतिनिधिमंडल ने उमियाम लेक को “गेटवे ऑफ मेघालय” बताते हुए इसे ग्लोबल डेस्टीनेशल के रूप में प्रमोट करने का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मेघालय राज्य के सकल घरेलू उत्पादन में पर्यटन क्षेत्र का 7.7 फीसदी योगदान है और इसे बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उमियाम के आसपास पांच सितारा रिसोर्ट, 21.58 करोड़ की लागत से उमियाम वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स सहित 500 करोड से अधिक के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। इसके लिए 381.18 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।
तमिलनाडुः
तमिलनाडु पर्यटन विभाग ने महाबलीपुरम पर प्रजेंटेशन दिया। महाबलीपुरम अपने भव्य मंदिरों, शिल्पकला और पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है और राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है।
केरलः
केरल में माउंटेन टूरिज्म के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर जोर दिया गया। राज्य प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ी पर्यटन को मिलाकर पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है।
लद्दाखः
लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि लद्दाख में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए होम स्टे की संख्या बढ़ाने, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और ईको-टूरिज्म को प्रोत्साहित करने की योजनाओं पर काम चल रहा है। नूब्रा वैली, जास्कर वैली, सुरू वैली की अपनी खासियत है। हर वैली की अपनी सांस्कृतिक विशेषत है। यहां पर होम स्टे को पर्यटन के लिए काफी पसंद किया जाता है। लद्दाख के स्थानीय निवासियों को अच्छा रोजगार मिल रहा है। लोकल हिल डवलपमेंट काउंसिल के साथ मिलकर पब्लिक प्राइवेट और कम्युनिटी पार्टनरशिप में कलस्टर बनाकर ग्लोबल डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां हॉर्स पोलो को लेकर भी काफी क्रेज है।
दादर और नगर हवेलीः
केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली के प्रतिनिधि मंडल ने दूधानी लेक को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बताई। दमन गंगा नदी के रिजर्वायर से बनी इस झील पर लेक रिसोर्ट, ट्राइबल क्राफ्ट सेंटर और चॉपर सर्विस जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी। पिछले वर्ष यहां 13 लाख पर्यटक पहुंचे थे, जिसे बढ़ाकर 25 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। तीन श्रेणियों में लेक विला, फॉरेस्ट विला और रेजिडेंशियल विला में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी।