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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल की नई भाग्य रेखा खींची

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26 Sep 25
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल की नई भाग्य रेखा खींची

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर्व पर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल की नई भाग्य रेखा खींची है। उन्होंने 42 हजार करोड़ रु की लागत से राजस्थान में बांसवाड़ा जिले में माही नदी के किनारे बनने वाले राजस्थान के दूसरे परमाणु बिजली का शिलायास करने के बाद एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।

 

प्रधानमंत्री मोदी आदिवासी अंचल का साफा पहने पूरी तरह आदिवासी संस्कृति से ओतप्रोत दिखे। उन्होंने नवरात्री में वागड़ की आराध्य देवी मां त्रिपुर सुंदरी की जय, बेणेश्वर धाम की जय, मानगढ़ धाम की जय, आप सभी को जय गुरु! और राम-राम! के संबोधन से अपना भाषण शुरू किया।इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल  हरिभाऊ बागडे , मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा , पूर्व मुख्यमंत्री  वसुंधरा राजे , केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उनके सहयोगी प्रह्लाद जोशी , जोधपुर से वर्चुअल ढंग से  जुड़े  गजेंद्र सिंह शेखावत , अश्विनी वैष्णव , बीकानेर से जुड़े अर्जुन राम मेघवाल , भजन लाल सरकार में उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा , दिया कुमारी , भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  मदन राठौड़ , राजस्थान सरकार के मंत्रिगण, अधीन उपस्थित थे ।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज नवरात्रि के चौथे दिन मुझे बांसवाड़ा में मां त्रिपुर सुंदरी की धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मुझे कांठल और वागड़ की गंगा मानी जाने वाली माही मां के भी दर्शन हुए। माही का पानी हमारे आदिवासी भाई-बहनों के संघर्ष और उनकी जीवटता का भी प्रतीक है। आदिवासियों के गुरु महानायक गोविंद गुरु जी के प्रेरणादायी नेतृत्व ने जो अलख जगाई, माही का पवित्र जल, उस महागाथा का साक्षी है। उन्होंने कहा मैं मां त्रिपुर सुंदरी और मां माही को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने साधना और शौर्य की इस धरती से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप,भील राजा बांसिया भील का भी श्रद्धापूर्वक,  पुण्य स्मरण करते हुए  उन्हें नमन करता हूं। 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवरात्रि में हम शक्ति के नौ स्‍वरूपों की पूजा करते हैं और आज यहां ऊर्जा शक्ति यानी बिजली उत्पादन से जुड़ा इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। राजस्थान की धरती से आज बिजली क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। साथ ही राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली प्रोजेक्‍ट्स शुरू हुए हैं। 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्‍ट्स एक साथ शुरू होना, यह दिखाता है कि देश आज बिजली की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और इस रफ्तार में देश के सभी हिस्से शामिल हैं। हर राज्‍य को प्राथमिकता दी जा रही है। यहां राजस्थान में भी क्‍लीन एनर्जी प्रोजेक्ट और ट्रांसमिशन लाइन की आधारशिला रखी गयी है। बांसवाड़ा में राजस्थान एटोमिक पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। यहां सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी हुआ है यानी सोलर ऊर्जा से लेकर परमाणु ऊर्जा तक देश अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊँचाई तक लेकर जा रहा है। आज तकनीक और उद्योगों के जमाने में विकास की गाड़ी बिजली से ही दौड़ती है। बिजली है, तो उजाला है! बिजली है, तो गति है! बिजली है, तो प्रगति है! बिजली है, तो दूरियां मिटती हैं! और बिजली है, तो दुनिया हमारे पास है। उन्होंने बताया कि जब 2014 में मैने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था तब देश के ढाई करोड़ घर ऐसे थे, जहां बिजली का कनेक्शन नहीं था। आज़ादी के 70 साल बाद भी देश के 18 हजार गांवों में बिजली का खंभा तक नहीं लगा था। देश के बड़े-बड़े शहरों में घंटों-घंटों की बिजली कटौती होती थी। गांवों में तो 4-5 घंटे बिजली आ जाए तो बड़ी बात होती थी। और उस समय लोग चुटकुला सुनाते थे कि हमारे यहां बिजली जाती है, यह न्‍यूज नहीं है, लोग कहते थे कि बिजली आयी, वो न्‍यूज होती थी। लोग एक-दूसरे को बधाई देते थे कि आज एक घंटा बिजली आयी थी, वो हाल थे और बिजली नहीं थी, तो फ़ैक्टरियां भी नहीं चल पाती थीं। नए उद्योग नहीं लग पाते थे। राजस्थान समेत पूरे देश में यही हालत थी। 2014 में हमारी सरकार ने इन हालातों को बदलने का संकल्प लिया। हमने देश के हर गाँव तक बिजली पहुंचाई। हमने ढाई करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। और, जहां-जहां बिजली के तार पहुंचें, वहाँ बिजली भी पहुंची, वहाँ लोगों की जिंदगी आसान हुई, वहां नए-नए उद्योग पहुँचें। 

 

मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में जिस देश को तेज गति से विकास करना है, उसे अपने यहां बिजली उत्पादन बढ़ाना ही होगा। और इसमें भी सबसे सफल वही देश होंगे जो स्वच्छ ऊर्जा यानी क्लीन एनर्जी में आगे रहेंगे। इसलिए हमारी सरकार स्वच्छ ऊर्जा के अभियान को एक जन-आंदोलन बनाकर काम कर रही है। हमने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की। आज इस योजना के तहत शहरों और गांवों में छतों पर सोलर पैनल लग रहे हैं। हमारे किसानों को सस्ती बिजली मिले, इसके लिए पीएम-कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर पंप लगाए जा रहे हैं। आज इस दिशा में कई राज्यों में सोलर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स से लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यानी, घर में मुफ्त बिजली के लिए पीएम-सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और खेतों में मुफ्त बिजली के लिए पीएम-कुसुम योजना तथा सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली, लोगोके  लिए बहुत बड़ा वरदान साबित हो रहा है।आज भारत विकसित होने के लिए तेज गति काम कर रहा है और इसमें राजस्थान की भी बड़ी भूमिका है। आज यहां राजस्थान के लोगों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है। पानी-बिजली-सेहत, इससे जुड़ी इन परियोजनाओं को उससे आप लोगों की सुविधाएं बढ़ेंगी। मैंने अभी वंदेभारत समेत तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई है। इस समय देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने का भी बड़ा अभियान चल रहा है, उसी कड़ी में आज राजस्थान के 15 हज़ार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र भी मिले हैं। मैं इन सभी युवाओं को जीवन की इस नई यात्रा की शुभकामनाएं देता हूं। मैं राजस्थान के लोगों को विकास की इन परियोजनाओं के लिए भी बधाई देता हूँ। 

 

राजस्थान की भजन लाल सरकार की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राजस्थान की भाजपा सरकार, राज्य के विकास में पूरी ईमानदारी से जुटी है और दक्षिण राजस्थान को भी तेज विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है।भाजपा के प्रयासों से ही आज गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी, देश की राष्ट्रपति बनी हैं और राष्ट्रपति जी ने ही आदिवासियों में भी अति पिछड़े आदिवासी समाज का विषय उठाया था। आदिवासी समाज को स्वाभिमान से जीवन जीने का अवसर मिले, ये हमारी प्रतिबद्धता है। उनकी आस्था, उनके आत्मसम्मान और उनकी संस्कृति की रक्षा करना, यह हमारा संकल्प है। 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2017 में हमने GST लागू करके देश को टैक्स और टोल के जंजाल से मुक्ति दिलाई थी। अभी नवरात्रि के पहले दिन से फिर GST में बहुत बड़ा सुधार किया गया है। इसका नतीजा ये हुआ है कि आज पूरा भारत GST बचत उत्सव मना रहा है। हर रोज इस्तेमाल की जाने वाली ज़्यादातर चीजें सस्ती हो गईं हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहने आई हैं और जब मैं अभी जीप में आ रहा था, सब माताएं-बहनें आशीर्वाद दे रही थीं, घर में माताओं बहनों के लिए रसोई का खर्च कम हो गया है।

उन्होंने जी एस टी सुधारों की चर्चा की और कहा कि इन दिनों देश में बचत उत्सव चल रहा है, लेकिन हमारा एक और लक्ष्य है- आत्मनिर्भर भारत का, हम किसी और पर निर्भर न रहे, ये अब बहुत आवश्यक है और उसका रास्ता जाता है स्वदेशी के मंत्र से और इसलिए हमें स्वदेशी के मंत्र को भूलना नहीं है । व्यापारियों से आग्रह करूंगा, हम जो बेचेंगे, वो स्वदेशी ही बेचेंगे और मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, हम जो खरीदेंगे, वो भी स्वदेशी ही खरीदेंगे।  

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल की नई भाग्य रेखा खींची है। इससे राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश और गुजरात के पिछड़े आदिवासी अंचलों में विकास के एक नए सूरज का सूर्योदय होगा।


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