लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने यूरोपीय संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने पर उसके अध्यक्ष डेविड मारिया ससोली को पत्र लिखा है।
इसमें कहा गया है कि किसी देश की संसद में पारित विधेयक पर किसी अन्य संसद में प्रस्ताव लाया जाना अनुचित है और इसका निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा दुरूपयोग किया जा सकता है।
श्री बिड़ला ने दृढ़तापूर्वक कहा कि अंतर संसदीय संघ का सदस्य होने के नाते सहयोगी देशों की संसद की संप्रभु प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए।
श्री बिड़ला ने अपने पत्र में लिखा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार लोगों को आसानी से नागरिकता देने के बारे में है और इसका उद्देश्य किसी की नागरिकता छीनना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अधिनियम भारतीय संसद के दोनों सदनों में उचित विचार विमर्श के बाद पारित किया गया है।