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श्लोक प्रतियोगिता में गूंजे वेद मंत्र 

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08 Aug 25
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श्लोक प्रतियोगिता में गूंजे वेद मंत्र 

-संस्कृत अमूल्य ज्ञान का भंडार- डॉ एसके शर्मा

-भारतीय संस्कृति की आत्मा है संस्कृत ।

उदयपुर। “ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्। छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्॥" "विद्या विवादाय धनं मदाय शक्तिः परेषां परिपीडनाय। खलस्य साधोर्विपरीतमेतत् ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय।​"

सुमधुर वाणी में जब संस्कृत के श्लोकों का वाचन हुआ तो संस्कृत की महत्ता के साथ मधुरता भी प्रत्यक्ष प्रतिपादित हुई। अवसर था संस्कृतभारती के तत्वावधान में रक्षाबंधन पर मनाए जाने वाले संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे संस्कृत सप्ताह के तीसरे दिन गुरुवार को आयोजित संस्कृत श्लोक प्रतियोगिता का। प्रतियोगिता के दौरान वेद-उपनिषदों के मंत्र गूंजे और वातावरण आध्यात्मिक हो चला। 

महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल जगदीश चौक में आयोजित संस्कृत श्लोक प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. एस. के. शर्मा, संस्कृत भारती के प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ. यज्ञ आमेटा रहे। स्वागत परिचय विद्यालय संस्कृत विभाग अध्यक्ष हेमंत जैन ने कराया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि संस्कृत अमूल्य ज्ञान का भण्डार है। उन्होंने संपूर्ण समाज में संस्कृत को व्यवहारिकता में लाने का आह्वान किया। 

श्लोक प्रतियोगिता दो वर्गों में हुई। कनिष्ठ वर्ग में कक्षा 6 से 8 व वरिष्ठ वर्ग में कक्षा 9 से महाविद्यालय तक के विद्यार्थी शामिल हुए। दोनों वर्गों में 25 विद्यालयों से 112 प्रतिभागी व 22 अध्यापक गण शामिल हुए। 

प्रतियोगिता में अलोक हिरण मगरी सेक्टर-11, पंचवटी व फतेहपुरा, आरएमवी, इंडो अमेरिकन, गुरु नानक सेक्टर-4, द स्कॉलर्स एरिना, दिल्ली पब्लिक स्कूल, नीरजा मोदी स्कूल, एमपीएस, एमएमवीएम, महावीर अकादमी, मिरांडा, आरएमडीपीएस, संस्कृत विद्यालय सवीना, आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, रेयॉन इण्टरनेशनल स्कूल, रॉकवुड्स हाई स्कूल, शिशु भारती स्कूल, सेंट एंथॉनीज़ उच्च माध्यमिक विद्यालय, सेंट जोसफ मध्यमिक विद्यालय, सीडलिंग मॉडर्न पब्लिक स्कूल, सेन्ट्रल एकेडमी सरदारपुरा, सेक्टर-3 व सेक्टर-5, अंबामाता, हैप्पी होम स्कूल, अभिनव विद्यालय आदि के विद्यार्थी शामिल हुए। 

संयोजक रेखा सिसोदिया व बकुल त्रिवेदी, श्रीयांश कंसारा, डॉ. रेणु पालीवाल, मीनाक्षी द्विवेदी, मंगल जैन, संजय शांडिल्य आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं। प्रतियोगिता के निर्णायक धरोहर संस्था से डॉ. हिमांशु गौड़ व भरत जोशी रहे। प्रतियोगिता का संचालन बकुल त्रिवेदी ने किया। आभार दुष्यंत नागदा ने किया। 


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