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एमएलएसयू और जीजीटीयू के बीच एमओयू

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21 Nov 20
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एमएलएसयू और जीजीटीयू के बीच एमओयू

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के बीच शिक्षण, शोध एवं छात्र कल्याण से संबंधित गतिविधियों के समन्वित प्रयास के लिए शनिवार को एक एमओयू किया गया। दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह एवं प्रोफ़ेसर आईवी त्रिवेदी ने बांसवाड़ा में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।




सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद मंशा व्यक्त की थी कि गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के विकास के लिए सुखाड़िया विश्वविद्यालय हमेशा तत्पर एवं सहयोग की भूमिका में रहेगा। इसी मंशा के अनुरुप प्रो सिंह शुक्रवार शाम को बांसवाड़ा पहुंचे। उन्होंने जीजीटीयू के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी से मुलाकात की एवं शनिवार सुबह आपसी चर्चा के बाद आधिकारिक तौर पर इस एमओयू को अंतिम रुप दिया। इसके तहत फार्मेसी, केमिस्ट्री, फिजिक्स एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग स्थापित करने एवं उसे विकसित करने के लिए सुखाडिया विश्वविद्यालय पूरा सहयोग करेगा। इसके साथ ही छात्र कल्याण एवं शिक्षकों का आपसी संवाद कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से शुरु किया जाएगा। दोनों विश्वविद्यालय शिक्षण एवं शोध गतिविधियों में भागीदार रहेंगे। स्किलफुल शिक्षा के पाठ्यक्रमों का मिल कर विकास करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय अकादमिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में सहयोग करेंगे।  कम अवधि के पाठ्यक्रम (शार्ट टर्म) बनाए जाएंगे एवं संचालित किए जाएंगे। शिक्षण सामग्री के निर्माण, विकास एवं संसाधनों का आपस में इस्तेमाल करेंगे। शिक्षक, छात्र एवं शोधार्थियों का आपसी संवाद करवाय जाएगा और शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता में विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम मिलकर चलाये जाएंगे। इस अवसर पर अवसर प्रो अमेरिका सिंह ने कहा कि पहले जीजीटीयू का क्षेत्र सुखाडिया विश्वविद्यालय का ही भाग रहा है और बाद में पूर्ण यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ इसलिए इसके विकास एवं इसको व्यापक फलक देने के लिए हम हर संभव कोशिश करेंगे एवं सहयोग भी करेंगे। जीजीटीयू के कुलपति प्रो आई वी त्रिवेदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जब मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने आगे आकर सहयोग का हाथ बढ़ाया है। यह प्रयास जनजातीय विश्वविद्यालय के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। दोनों विश्वविद्यालय मिलकर काम करेंगे एवं जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थियों को देश दुनिया के नवाचारों से रूबरू करवाएंगे।


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